Noida: 25 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा के किसानों का प्रदर्शन, अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ भरेंगे हुंकार
Noida Farmer's Protest: किसानों ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा मनमाने रवैए से तंग आकर हम प्रदर्शन करने पर बाध्य हुए हैं, यह हमारे अधिकार के साथ-साथ भविष्य से जुड़ा गंभीर विषय है.

Noida Farmer Protest: आज के दौर में देश में बढ़ता शहरीकरण अनगिनत समस्याओं की प्रमुख वजह बनता जा रहा है. कुछ ऐसी ही मुश्किलों का सामना करते नजर आ रहे हैं ग्रेटर नोएडा के किसान. दरअसल, सर्किल रेट कम करने, पंचायती राज को खत्म करने, मुआवजा, किसानों को 10% आबादी प्लॉट, बच्चों के बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सोराजपुर गांव, खोदना खुर्द गांव, पटवारी, खानपुर, सिरसा, पल्ला, हुड्डा, बादलपुर, जनपथ, सादोपुर सहित ग्रेटर नोएडा के 42 से अधिक गांव के किसान अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में 25 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन करेंगे और तब तक धरना देंगे जब तक उनकी मांगों को मान नहीं लिया जाता.
प्रदर्शन को लेकर गांव-गांव जाकर लोगों से किया जा रहा संपर्क
इस प्रदर्शन को लेकर किसानों द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क किया जा रहा है और लोगों से इस हक अधिकार के लिए एक साथ आने की अपील की जा रही है. इसके अलावा अपनी मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा ने बीते 23 मार्च को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था. वहीं इस मामले को लेकर एबीपी लाइव ने अखिल भारतीय किसान सभा से खास बातचीत की.
25 अप्रैल से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर अखिल भारतीय किसान सभा का प्रदर्शन, सर्किल रेट मुआवजा सहित कई मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा के किसानों का हल्ला बोल....@abplive @ABPNews pic.twitter.com/142LlAScTn
— Nishant Chaturvedi (@nishant1994cha1) April 15, 2023
'आखिर क्यों प्रदर्शन को मजबूर हुए ग्रेटर नोएडा के किसान'
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता रूपेश वर्मा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान बताया कि प्राधिकरण द्वारा मनमाने रवैए से तंग आकर हम प्रदर्शन करने पर बाध्य हुए हैं और यह हमारे अधिकार के साथ-साथ भविष्य से जुड़ा गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि 2014 में भूमि रेट रिवाइज हुई थी जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कई गांव के पंचायती राज को खत्म कर दिया गया और वह ग्रामीण परिक्षेत्र से बाहर होकर शहरी क्षेत्र में अधिकृत हो गए. इसके बाद हमें मिलने वाला चार गुना सर्किल रेट का मुआवजा घटकर दो गुना हो गया और इन 2 गुना मुआवजा के भी सर्किल रेट को रिवाइज नहीं किया गया.
इसका नतीजा यह है कि जो मार्केट रेट इस समय 15000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है. वहीं, हमारे मुआवजे का रेट इन्होंने 650 प्रति वर्ग मीटर तय किया है जबकि दूसरी तरफ खुद के प्लॉट को प्राधिकरण द्वारा बेचने के लिए सर्किल रेट को साल में जरूर रिवाइज किया जाता है. यह स्पष्ट बताता है कि हम किसानों के साथ जानबूझकर नाइंसाफी हो रही है और हमारी कीमती संपत्तियों को कम दाम में लेकर बिल्डर व उद्योगपतियों को अलॉट किया जा रहा हैं.
प्रमुख 5 सूत्रीय मांगों को लेकर 42 से अधिक गांवों के किसान होंगे एकजुट
अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा गांव में जाकर संपर्क किया जा रहा है और आने वाले 25 अप्रैल से 42 से अधिक गांव के किसान हजारों की संख्या में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर प्रदर्शन करेंगे. अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता रूपेश वर्मा ने बताया कि उनकी पांच सूत्रीय मांगें हैं जिसमें किसान भूमि की सीधी खरीद सर्किल रेट से 4 गुना अधिक दाम पर तय की जाए, ग्रेटर नोएडा में अब तक अधिकृत की गई जमीन में किसानों को 10% आबादी प्लाट दिया जाए.
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में किसानों को 17.5% का कोटा मिले, किसान परिवार के बच्चों के लिए रोजगार मुहैया कराए जाएं. किसानों के लीज बैक तथा अन्य सुनवाई के मामलों का जल्द निस्तारण हो .
'मिला सिर्फ आश्वासन, नहीं ली प्राधिकरण ने सुध'
एबीपी लाइव ने जब इस मामले को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया तो प्राधिकरण के अधिकारी मामले की जांच की बातें कहकर कुछ भी स्पष्ट रूप से बोलने से बचते नजर आए. वहीं, अखिल भारतीय किसान महासभा से जुड़े रोहित गुर्जर ने बातचीत के दौरान बताया कि हमने लगातार अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कई बार सूचित किया है.
रोहित गुर्जर ने कहा कि कई बार सूचिन करने के बाद भी उन्होंने किसानों की इन मांगों को अनदेखा किया और इसकी सुध नहीं ली. इसलिए हमने 25 अप्रैल से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
यह भी पढ़ें: G-20 से पहले दिल्ली की सड़कों का हो रहा कायाकल्प, 22 करोड़ की लागत से संवारा जाएगा रिंग रोड
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























