दिल्ली में AQI ने तोड़ा रिकॉर्ड, सर्दियों का सबसे प्रदूषित दिन, इस दिन के बाद पड़ेगी कड़ाके की ठंड
Delhi Weather Today: दिल्ली में AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच गया और सर्दियों का सबसे प्रदूषित दिन और दिसंबर का दूसरा सबसे खराब रिकॉर्ड बन गया. आइए जानें राजधानी में कड़ाके की ठंड कब से पड़ेगी.

दिल्ली में रविवार (14 दिसंबर) को वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 461 तक पहुंच गया, जिससे यह सर्दियों का सबसे प्रदूषित दिन और रिकॉर्ड में दिसंबर का दूसरा सबसे खराब दिन बन गया. इस दौरान रोहिणी और वजीरपुर जैसे इलाकों में एक्यूआई 500 के करीब दर्ज हुआ. नयी दिल्ली और नोएडा समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण के इस गंभीर स्तर का असर जनस्वास्थ्य, यातायात और रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ दिखाई दिया.
प्रदूषण की स्थिति और रिकॉर्ड स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हवा की धीमी गति और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फैलने के बजाय सतह के पास ही फंसे रहे. वजीरपुर स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ने दिन के दौरान अधिकतम संभव एक्यूआई 500 दर्ज किया, जिसके बाद सीपीसीबी डेटा दर्ज नहीं करता है. सीपीसीबी के समीर ऐप के मुताबिक शाम चार बजे तक दिल्ली के 39 सक्रिय निगरानी केंद्रों में से 38 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जबकि केवल शादीपुर में इसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया.
रोहिणी में भी दिन के दौरान एक्यूआई 500 तक पहुंच गया, जबकि अशोक विहार, जहांगीरपुरी और मुंडका में यह 499 रिकॉर्ड किया गया. राजधानी में घना कोहरा छाया रहा और एक दिन पहले 432 रहने वाला औसत एक्यूआई अचानक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. अप्रैल 2015 में निगरानी प्रणाली शुरू होने के बाद दिसंबर में इससे अधिक प्रदूषण केवल 21 दिसंबर 2017 को दर्ज किया गया था, जब औसत एक्यूआई 469 तक पहुंचा था.
15 दिसंबर के आंकड़ों के मुताबिक, सरदार पटेल मार्ग का AQI 483 है, पंडित पंत मार्ग का AQI 417, बाराखंबा रोड का AQI 474, अक्षरधाम क्षेत्र का AQI 493, द्वारका सेक्टर-14 का AQI 469 और बारापुल्ला फ्लाईओवर का AQI 433 है.
स्वास्थ्य पर असर और विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों की चेतावनी दी है. विशेषज्ञ शीला यादव ने कहा कि जब एक्यूआई का स्तर 300 से 400 के बीच रहता है और कई बार 450 के पार पहुंच जाता है, तो लोगों को खासकर सुबह के समय बाहर टहलने या व्यायाम करने से बचना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि शारीरिक गतिविधि पूरी तरह बंद नहीं की जानी चाहिए, बल्कि इसे घर के अंदर सीमित रखना बेहतर है.
प्रदूषित हवा में मौजूद PM 2.5 जैसे महीन कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यादव ने सलाह दी कि लोग केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें, गहरी सांस लेने वाली गतिविधियों से बचें और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद के लिए संतुलित आहार लें. उन्होंने पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और मौसमी फलों के सेवन पर भी जोर दिया.
ग्रैप लागू, मौसम और आगे का पूर्वानुमान
प्रदूषण के तेजी से बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शनिवार को दिल्ली एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना के तहत सबसे सख्त उपाय लागू किए. इसके तहत सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. ग्रैप पर बनी उप समिति ने पूरे एनसीआर में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पहले तीसरे चरण और फिर चरण चार के उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का फैसला किया.
मौसम की बात करें तो रविवार (14 दिसंबर) को न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.4 डिग्री कम 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पीटीआई के अनुसार, शाम 5.30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 87 प्रतिशत रही, जिससे धुंध और ठंड का असर बढ़ गया. मौसम विभाग ने सोमवार के लिए मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान जताया है, जिसमें अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान करीब आठ डिग्री रहने की संभावना है.
दिल्ली एनसीआर में दिन का तापमान भले ही बहुत नीचे न गया हो, लेकिन हल्की धूप, बादल और प्रदूषण की धुंध के कारण लोगों को दिन में भी ठिठुरन महसूस हो रही है. उधर पहाड़ों पर एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो चुका है, जिससे बारिश और हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है, जबकि अगला सिस्टम 18 दिसंबर को आने की संभावना है.
इसके प्रभाव से 15 दिसंबर के बाद दिल्ली एनसीआर में तापमान गिरने और 22 दिसंबर के बाद कई राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि सटीक पूर्वानुमान के लिए अभी कुछ दिन इंतजार किया जा रहा है.
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Source: IOCL
























