दिल्ली के वसंत विहार इलाके में रैन बसेरे में लगी आग, दो लोगों की मौत
Delhi Rain Basera Fire: वसंत विहार के रैन बसेरे में देर रात आग लगने से दो लोगों की मौत हुई. सात में से पांच लोग बचाए गए. अंदर खड़ी बाइक से धमाका हुआ, पुलिस ने जांच शुरू की.

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत विहार क्षेत्र में रविवार (1 दिसंबर) देर रात एक रैन बसेरे में लगी भीषण आग ने दो लोगों की जान ले ली. यह हादसा रात करीब साढ़े तीन बजे उस समय हुआ, जब कुली कैंप में बने इस आश्रय स्थल में सात लोग सो रहे थे. दिल्ली अग्निशमन सेवा और पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान अर्जुन (18) और विकास (42) के रूप में की गई है.
दमकल विभाग को आग लगने की सूचना रात 3:28 बजे मिली. मौके पर तुरंत चार दमकल गाड़ियां भेजी गईं. आग में बुरी तरह झुलसे अर्जुन और विकास को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बाकी पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. रैन बसेरा ‘एसपीवाईएम’ एनजीओ द्वारा संचालित बताया जा रहा है.
घटना की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार, जानकारी मिलते ही वसंत विहार थाने की टीम मौके पर पहुंची. दमकलकर्मी आग बुझाने में लगे थे और संकरी गलियों के कारण राहत कार्य में मुश्किलें आईं. पुलिस ने बताया कि दोनों शव झुलसी हुई अवस्था में बरामद किए गए. मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 और 106 के तहत केस दर्ज कर आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है.
आग की लपटों के कारण दो लोगों की चली गई जान
स्थानीय लोगों के अनुसार आग इतनी तेजी से फैली कि रैन बसेरे में सो रहे लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला. पास ही रहने वाले अमरजीत ने बताया कि रात करीब तीन बजे एक जोरदार धमाके की आवाज सुनकर उनकी नींद टूटी. बाहर निकलने पर उन्हें आग की लपटें दिखाई दीं और लोग चीखते हुए बाहर भागने की कोशिश कर रहे थे. अमरजीत ने बताया कि उन्होंने जितने लोगों को बचा सकते थे, बचाने की कोशिश की, लेकिन आग बेहद तेजी से फैलती गई.
जोरदार धमाके साथ लगी थी आग
कुली कैंप के अध्यक्ष मुन्ना लाल ने आरोप लगाया कि आश्रय स्थल के अंदर खड़ी एक मोटरसाइकिल ने एकमात्र निकास मार्ग को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था. उनका दावा है कि जैसे ही आग बाइक के पेट्रोल टैंक तक पहुंची, उसमें धमाका हुआ और हालात और भी बिगड़ गए. मुन्ना के अनुसार यदि बाइक वहां खड़ी न होती, तो शायद दोनों पीड़ित समय रहते बाहर निकल सकते थे.
उन्होंने यह भी कहा कि रैन बसेरे का केयरटेकर छह वर्षों से वहां काम कर रहा है, बावजूद इसके उसने अपनी मोटरसाइकिल ठीक दरवाजे के सामने खड़ी कर दी थी. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि केयरटेकर खुद तो भाग निकला, लेकिन उसने बाकी लोगों को समय रहते चेतावनी नहीं दी. यह हादसा एक बार फिर अस्थायी आश्रय स्थलों में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
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Source: IOCL






















