दिल्ली में इस सर्दी की दस्तक होगी खास, 5 लाख से ज्यादा लगेंगे ट्यूलिप
Delhi News: दिल्ली में इस बार बसंत में ट्यूलिप की बहार होगी. NDMC और उपराज्यपाल के प्रयासों से 5.5 लाख ट्यूलिप खिलेंगे, जिनमें 50,000 स्थानीय स्तर पर उगाए गए हैं.

दिल्ली में इस सर्दी बसंत की दस्तक कुछ खास होने वाली है. एनडीएमसी (नई दिल्ली नगरपालिका परिषद) की मेहनत और उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना की पहल से इस बार राजधानी में पहले से कहीं ज्यादा ट्यूलिप खिलेंगे. इस बार न सिर्फ इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि एक बड़ा हिस्सा अब स्थानीय स्तर पर ही तैयार किया जा रहा है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया कदम माना जा रहा है.
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने हाल ही में लोधी गार्डन स्थित एनडीएमसी के ट्यूलिप विकास सह भंडारण कक्ष का दौरा किया. उन्होंने वहां संग्रहित ट्यूलिप बल्बों के विकास का निरीक्षण किया, जिन्हें आगामी सीजन में एनडीएमसी क्षेत्र में लगाया जाएगा.
50 हजार स्थानीय ट्यूलिप देंगे नई पहचान
एनडीएमसी ने वर्ष 2022 में स्थानीय स्तर पर ट्यूलिप उगाने की पहल की थी, और अब इसके उत्साहजनक परिणाम सामने आने लगे हैं. इस सर्दी में 50,000 से अधिक स्वदेशी ट्यूलिप लगाए जाएंगे, जो दिल्ली में कुल 5.50 लाख ट्यूलिप में से लगभग 10 प्रतिशत होंगे. इनमें से 29,000 बल्ब लोधी गार्डन के विशेष कक्ष में विकसित किए गए हैं, जबकि करीब 21,000 हिमाचल प्रदेश के पालमपुर स्थित हिमालयन बायोरेसोर्स टेक्नोलॉजी संस्थान (आईएचबीटी-सीएसआईआर) से आए हैं.
स्थानीय उत्पादन से घटेगा आयात पर निर्भरता
उपराज्यपाल सक्सेना इस बात के पक्षधर रहे कि दिल्ली धीरे-धीरे विदेशी ट्यूलिप बल्बों पर निर्भरता कम करे और खुद अपनी किस्में तैयार करे. उनके अनुसार, एनडीएमसी के प्रयास अन्य एजेंसियों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण साबित होंगे. उपराज्यपाल ने अधिकारियों से ट्यूलिप प्रसार कक्ष की क्षमता बढ़ाने की भी सलाह दी है.
ट्यूलिप की बढ़ती लोकप्रियता
बता दें कि एनडीएमसी क्षेत्र में ट्यूलिप लगाने की शुरुआत 2017-18 में हुई थी, जब महज 17,000 पौधे लगाए गए थे. इसके बाद यह संख्या हर साल बढ़ती गई — 2022 में 1.30 लाख, 2023 में 2 लाख और 2024 में 3.25 लाख ट्यूलिप लगाए गए. वहीं, इस बार यह आंकड़ा और भी ऊपर जाने वाला है.
कहां-कहां खिलेंगे इस बार ट्यूलिप
इस वर्ष एनडीएमसी और डीडीए क्षेत्र के लिए कुल 5.17 लाख ट्यूलिप बल्ब आयात करने की योजना बनाई गई है. इनमें 3.25 लाख बल्ब एनडीएमसी द्वारा और 1.92 लाख बल्ब डीडीए द्वारा लगाए जाएंगे. दिल्ली के प्रमुख स्थलों — शांति पथ, 11 मूर्ति, मंडी हाउस, बीपी हाउस गोल चक्कर, लोधी गार्डन और तालकटोरा गार्डन को ट्यूलिप से सजाया जाएगा.
दिल्ली का खिलता उत्सव...ट्यूलिप फेस्टिवल
हर साल बसंत में होने वाला नई दिल्ली ट्यूलिप उत्सव अब दिल्ली की पहचान बन चुका है। यूरोप के फूलों के त्योहारों की टक्कर देने वाला यह आयोजन शहर को रंगों की बहार में बदल देता है. शांति पथ, सेंट्रल पार्क, लोधी गार्डन, नेहरू पार्क और मंडी हाउस जैसे स्थानों पर ट्यूलिप की कतारें हर किसी को अपनी ओर खींचती हैं.
फूलों के साथ खुशबू है आत्मनिर्भरता की भी
एनडीएमसी ने इस उत्सव को निःशुल्क रखा है ताकि हर नागरिक इस रंगीन नज़ारे का आनंद ले सके. इतना ही नहीं, अब गमलों में लगे ट्यूलिप भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जिससे लोग इस खूबसूरती का एक हिस्सा अपने घर ले जा सकते हैं. यह पहल सिर्फ फूलों की नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक है जहां प्रकृति और समुदाय मिलकर राजधानी को एक जीवंत ‘गार्डन सिटी’ में बदल रहे हैं.
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