सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों को मिली बड़ी सफलता, 15 घंटे बाद कटी उंगली का किया रिप्लांटेशन
Delhi News: सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन के मुताबिक 15 घंटे बाद उंगुली का रिप्लांटेशन करना बहुत बड़ी सफलता है. मेडिकल साइंस के फिंगर रिप्रेजेंटेशन क्षेत्र में यह एक मील का पत्थर है.
Delhi Latest News: अगर आप भी वाशिंग का इस्तेमाल कपड़ों को साफ करने के लिए करते हैं, तो आपको यह काम संभलकर करने की जरूरत है. ऐसा इसलिए कि शाहदरा जिले के सोनिया विहार में वाशिंग मशीन का इस्तेमाल करते वक्त एक महिला की तर्जनी उंगली (Forefinger) फंस गई. इस घटना में उंगली करीब-करीब दो टुकड़ों में बंट गया.
हालांकि, काफी मशक्कत के बाद सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने उंगली को जोड़ने में सफलता मिल गई. इतना ही नहीं, महिला की उंगली में फिर से रक्त का संचार भी बहाल हो गया है.
फिर से जोड़ना होता है मुश्किल
वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि यह रक्त वाहिकाएं बहुत पतली होती हैं. इसकी रीप्लांटेशन की एक जटिल प्रक्रिया है. इस तरह की घटना में उंगली को फिर से जोड़ा मुश्किल होता है. सफदरजंग अस्पताल के प्रोफेसर ऑफ प्लास्टिक सर्जरी डॉ. राकेश कैन के मुताबिक आम तौर पर रीप्लांटेशन 6 से 8 घंटे के भीतर किया जाता है. कटी हुई उंगली को दो आइस पैक में रखा जाना चाहिए.
ये है पूरा मामला
दरअसल 9 अक्टूबर 2024 को रूपा को अपने 4 साल के बच्चे को पकड़ने की कोशिश में चोट लग गई. उसका हाथ वाशिंग मशीन में फंस गया और उसकी दाहिनी तर्जनी उंगली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. उंगली की त्वचा पूरी तरह से हट गई और रक्त आपूर्ति बंद हो गई. उंगली केवल टेंडन से जुड़ी हुई थी. उंगली का मध्य फालान्क्स में फ्रैक्चर हो गया था.
इस तरह के हालात में 28 वर्षीय महिला रूपा को 10 अक्टूबर को 7 बजे इमरजेंसी में सफदरजंग अस्पताल भर्ती कराया गया. रूपा की उंगली बुरी तरह कटी हुई थी, जिसको देखकर उसको प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया.
इसलिए रिप्लांटेशन का लिया फैसला
प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ. शालभ कुमार, डॉ. राकेश कैन, डॉ. उपेंद्र शर्मा, डॉ. धरुति, डॉ. नुपुर, डॉ. निकिता, और डॉ. मानसी ने मामले की जांच की. लगभग 12 घंटे बीत जाने के कारण यह संदेह था कि उंगली को फिर से जोड़ना और रक्त संचार बहाल करना संभव होगा या नहीं.
सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने अंत में रीप्लांटेशन करने का प्रयास किया. मरीज को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया और सर्जरी शुरू हुई. लगभग 3 घंटे की सर्जिकल प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों ने रक्त वाहिकाओं को जोड़ दिया और उंगली गुलाबी दिखने लगी. हड्डी को स्टील वायर से फिक्स किया गया. अब 3 दिन बाद मरीज वार्ड में है और उंगली का रक्त संचार अच्छी तरह से स्थापित हो गया है. खास बात यह है कि महिला की उंगली बच गई है।
वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन में बताया कि 15 घंटे बाद रिप्लांटेशन करना एक बहुत बड़ी सफलता है. रक्त वाहिकाएं पतली होती हैं. मेडिकल साइंस के फिंगर रिप्रेजेंटेशन क्षेत्र में एक मील का पत्थर है.