Delhi Riots: दिल्ली की कोर्ट में 4 साल बाद बाप-बेटे के खिलाफ आरोप तय, पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया था मुकदमा
Delhi Riots 2020: दिल्ली पुलिस ने खुरेजी खास हिंसा मामले में 7 अलग-अलग शिकायतों को मिलाकर एक बड़ी FIR दर्ज की थी. सबसे पहली रिपोर्ट मोहम्मद शरीफ ने दर्ज कराई थी. अदालत ने भी आरोपों सही माना.

Delhi Riots Case: दिल्ली को दहला देने वाले 2020 के दंगा मामले में नया मोड़ आया है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने पूर्वोत्तर दिल्ली के खुरेजी खास इलाके में गली नंबर 4 में हुए भीषण दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों मिठ्ठन सिंह और उसके बेटे जॉनी कुमार के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि दोनों आरोपी न सिर्फ हिंसक भीड़ का हिस्सा थे बल्कि मिठ्ठन सिंह ने अपने बेटे और अन्य लोगों को भड़काकर समुदाय विशेष के घरों को आग के हवाले करने के लिए उकसाया.
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पहली नजर में आरोप साबित होते हैं कि मिठ्ठन सिंह और जोनी कुमार ने सुनियोजित तरीके से हिंसा को अंजाम दिया. चार्जशीट में उस पर IPC की धारा 148 (दंगा), 380 (चोरी), 435 (आगजनी से नुकसान), 436 (आवासीय संपत्ति को जलाना), 451 (अवैध रूप से घर में घुसपैठ कर हमला), 149 (सामूहिक अपराध की साजिश), 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना) के साथ-साथ मिठ्ठन सिंह पर धारा 109 और 114 (उकसाने और सहायता देने) व अन्य आरोप लगाए गए हैं.
गवाहों के बयान से हुए अहम खुलासे
शिकायतकर्ता मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद मोहसीन, नफीस अली और मोहम्मद साजम ने अपने बयान में कोर्ट को बताया कि हिंसा के दिन सुबह ही बड़ी संख्या में लोग लाठी-डंडों से लैस होकर गली नंबर 4 में जुटे थे. भीड़ उग्र थी और धार्मिक नारेबाजी करते हुए दूसरे समुदाय के घरों को चुन-चुनकर निशाना बनाया. गवाहों के मुताबिक, 'मिठ्ठन सिंह ने अपने बेटे और अन्य हमलावरों को निर्देश दिया कि कैसे घरों में आग लगानी है. इसके बाद दंगाइयों ने मकानों में तोड़फोड़ की, घरों को लूटा और आग के हवाले कर दिया.'
7 शिकायतों को मिला पुलिस ने की थी बड़ी FIR दर्ज
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने खुरेजी खास हिंसा मामले में 7 अलग-अलग शिकायतों को मिलाकर एक बड़ी FIR दर्ज की थी. इस केस में सबसे पहली रिपोर्ट मोहम्मद शरीफ ने दर्ज कराई थी, जिसमें खुरेजी खास गली नंबर 4 में हुए नरसंहार और बर्बरता का खुलासा किया गया था.
दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा- कोर्ट
कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया कि ऐसे मामलों में अदालत सख्ती बरतेगी, जो लोग दंगों में शामिल हुए, जिन्होंने शहर को जलाया, बेगुनाहों के घर तबाह किए. ऐसे लोगों को कानून के शिकंजे से कोई नहीं बचा सकता. अब मिठ्ठन सिंह और जोनी कुमार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी और जल्द ही मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगी.
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