दिल्ली में प्रदूषण को लेकर कांग्रेस का BJP सरकार पर तीखा हमला, देवेंद्र यादव ने रखी ये मांग
Delhi Pollution: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि बातें करने के अलावा कुछ नहीं किया जाता, जबकि पिछले 8-10 सालों से दिल्लीवासी प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं.

राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने स्मॉग की चपेट में है. कई इलाकों में AQI लेवल 400 के पार पहुंच गया है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इस बीच, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भाजपा की रेखा गुप्ता सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 10 महीने बीत जाने के बावजूद सरकार प्रदूषण का कोई स्थायी हल निकालने में नाकाम साबित हुई है.
देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को चुनौती दी कि अगर वे प्रदूषण नियंत्रण पर वाकई गंभीर हैं, तो फौरन सर्वदलीय बैठक बुलाएं. सभी राजनीतिक दलों के सुझावों और उपायों पर विचार करके दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं. उन्होंने जोर देकर कहा, "कांग्रेस जन सरोकार के मुद्दों पर हमेशा आगे रहती है. हम सरकार के हर सकारात्मक कदम में साथ खड़े होने को तैयार हैं, लेकिन सिर्फ बड़ी-बड़ी घोषणाएं करके काम नहीं चलेगा."
'सिर्फ बातें करने के अलावा कुछ नहीं किया जाता'
देवेंद्र यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ''दिल्ली से जुड़े संकटों पर सिर्फ बातें करने के अलावा कुछ नहीं किया जाता, जबकि पिछले 8-10 सालों से दिल्लीवासी इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं.'' यादव ने कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि 15 साल की कांग्रेस सरकार में प्रदूषण कभी इतना बड़ा संकट नहीं बना.''
देवेंद्र यादव का AAP पर भी हमला
उन्होंने कहा, ''उस समय किरोसीन मुक्त दिल्ली बनाने, हरित क्षेत्र बढ़ाने और डीजल बसों को एक झटके में सीएनजी में बदलने जैसे क्रांतिकारी कदम उठाए गए थे.'' वहीं, पिछली आम आदमी पार्टी और मौजूदा भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने डीटीसी बसों की संख्या जरूरत के मुताबिक नहीं बढ़ाई, जिससे लोग निजी वाहनों पर निर्भर हो गए और पुरानी बसों से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है.
AQI सीवियर कैटेगरी में दर्ज
दिल्ली में आज सुबह कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 'सीवियर' कैटेगरी में दर्ज किया गया. ऐसे में कांग्रेस का यह हमला राजनीतिक माहौल को और गरमा सकता है. देखना यह है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस चुनौती का क्या जवाब देती हैं.
Source: IOCL
























