Delhi New CM: दिल्ली में कब उठेगा CM के नाम से पर्दा? BJP सांसद कमलजीत सहरावत और प्रवीण खंडेलवाल ने बताया
Delhi BJP CM: दिल्ली में चुनाव के नतीजे आए 11 दिन हो गए हैं, फिर भी CM के नाम का ऐलान नहीं हो पा रहा है. इस पर BJP सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि सरकार बनने में समय लगता है.

Delhi CM News: दिल्ली में सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव तो जीत लिया है, लेकिन नतीजे आए 11 दिन होने के बावजूद दिल्ली के सीएम के नाम पर अब भी सवालिया निशान बना हुआ है. इस मामले में बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि दिल्ली सीएम के नाम से पर्दा कब उठेगा.
कमलजीत सहरावत ने बयान दिया कि जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा, "एक-दो दिन में आपको पता चल जाएगा कि सरकार का मुखिया कौन होगा और सरकार का गठन कब होगा."
सरकार बनने में समय लगता है- सहरावत
जब विधायक दल की बैठक टलने को लेकर सवाल किया गया, तो कमलजीत सहरावत ने कहा कि सरकार बनाने की प्रक्रिया में समय लगता है. उन्होंने कहा, "आपने पहले भी देखा होगा कि सरकार गठन में समय लगता है. उसी तरह यहां भी हो रहा है, लेकिन एक-दो दिन में सब साफ हो जाएगा."
सीएम के नाम पर आतिशी ने कसा तंज
दिल्ली में यमुना की सफाई शुरू हो गई है, लेकिन सीएम का चेहरा साफ नहीं होने पर विपक्ष लगातार हमलावर है. दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री और AAP नेता आतिशी ने कहा, "बीजेपी के पास एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसे चुनकर वह मुख्यमंत्री बना सकते हैं. यह बिल्कुल साफ हो गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी को अपने 48 विधायकों में से किसी पर भी भरोसा नहीं है."
आतिशी ने कहा, "उनको पता है कि इन 48 विधायकों में से एक भी विधायक सरकार चलाने की योग्यता नहीं रखता है. पीएम मोदी को पता है कि इन 48 विधायकों का काम केवल लूट-खसोट करना, दिल्ली की जनता को लूटना और उनके पैसे की बंदरबांट करना है. इसलिए दस दिन बीतने के बाद भी पीएम मोदी इन 48 विधायकों में से एक विधायक पर भी भरोसा नहीं कर पाए हैं और उसे मुख्यमंत्री नहीं बना पाए हैं."
विपक्ष पर प्रवीण खंडेलवाल का पलटवार
इस पर बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "हमें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमें पता है कि कोई भी एक निष्ठावान कार्यकर्ता BJP का मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन विपक्षी पार्टियों को इस बात की बहुत चिंता है. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि वे अपना घर तो संभाल नहीं पाए, लेकिन दूसरों के घर की तरफ देख रहे हैं. मुझे लगता है कि अगर वे (विपक्षी दल) अपने बिखरे हुए कुनबे को व्यवस्थित करें तो वह ज्यादा उनके हित में होगा."
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Source: IOCL























