दिल्ली मेट्रो के फेज-4 पर तेजी से हो रहा काम, गोल्डन लाइन पर टनल को लेकर क्या बोले मंत्री पंकज सिंह
Delhi Metro: दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने कहा कि मेट्रो के रुके हुए चरणों में अब नई रफ्तार आ रही है. इस नई सुरंग का निर्माण औसतन लगभग 18 मीटर की गहराई पर किया गया है.

Golden Line Of Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने शनिवार को फेज-4 के तहत तुगलकाबाद से एयरपोर्ट (एरोसिटी) तक के गोल्डन लाइन कॉरिडोर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. मां-आनंदमयी मार्ग और तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन के बीच भूमिगत सुरंग का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. इस सुरंग में टनल बोरिंग मशीन (TBM) का ब्रेकथ्रू आज सुबह तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन पर हुआ.
इस मौके पर दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने कहा कि मेट्रो के रुके हुए चरणों में अब नई रफ्तार आ रही है. दिल्ली की जनता ने बीजेपी पर भरोसा जताया और जब से बीजेपी की सरकार आयी है, उससे मेट्रो के जो चरण रुके हुए थे, अब उन पर काम तेजी से चल रहा है.
एक तरह से यह कार्यक्रम उद्घाटन भी है और निरीक्षण भी. मेट्रो की जो गति धीमी हो गई थी, उसे अब और तेज़ किया जाएगा. हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि दिल्ली के लोगों को वो सारी सुविधाएं मिलें, जिनकी वे हकदार हैं.
डीएमआरसी की इस अहम उपलब्धि के मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. यह टीबीएम लगभग 792 मीटर लंबी सुरंग को बोर करने के बाद ब्रेकथ्रू में सफल रही. निर्माण में 96 मीटर लंबी टीबीएम का उपयोग किया गया, जो औसतन 18 मीटर की गहराई पर दो समानांतर सुरंगें बना रही है. इस खंड की दूसरी सुरंग पर ब्रेकथ्रू जुलाई 2025 तक अपेक्षित है.
अत्याधुनिक अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड से किया गया सुरंग का निर्माण
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि इस नई सुरंग का निर्माण औसतन लगभग 18 मीटर की गहराई पर किया गया है. इसमें कुल 566 रिंग्स लगाए गए हैं और सुरंग का भीतरी व्यास 5.8 मीटर है.
सुरंग निर्माण अत्याधुनिक अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड (ईपीबीएम) तकनीक से हुआ, जिसमें प्रीकास्ट कंक्रीट रिंग्स का उपयोग किया गया. इन रिंग्स को मुंडका स्थित हाईटेक कास्टिंग यार्ड में तैयार कर शीघ्रता से मज़बूती देने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से इलाजित किया गया.
सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए निर्माण के दौरान जमीन की हलचल की उच्च तकनीक से निगरानी की गई और आसपास की संरचनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
शहरों में भीड़भाड़ के बीच सुरंग निर्माण की रीढ़ बनी टीबीएम
गौरतलब है कि फेज-4 परियोजना के तहत कुल 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से 19.343 किलोमीटर का हिस्सा गोल्डन लाइन कॉरिडोर में शामिल है.
टनल बोरिंग मशीन यानी टीबीएम, आज के आधुनिक शहरों में भीड़भाड़ के बीच सुरंग निर्माण की रीढ़ बन चुकी है. दिल्ली मेट्रो फेज-1 से ही टीबीएम तकनीक का उपयोग कर रही है. डीएमआरसी ने फेज-3 में 30 टीबीएम का उपयोग कर लगभग 50 किलोमीटर सुरंगें बनाई जो सफलतापूर्वक सुरंग निर्माण में टीबीएम की उपयोगिता को दर्शाती है.
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