Delhi News: दिल्ली सरकार स्कूलों में लगाएगी 20 हजार स्मार्ट बोर्ड, सिसोदिया ने कहा- सीखने की प्रक्रिया को बेहतर करेगा
दिल्ली सरकार 20 हजार क्लासरूम में स्मार्टबोर्ड बनाने की योजना बना रही है, शहीद अमीर चंद सर्वोदय बाल विद्यालय में स्मार्टबोर्ड लगा कर इसकी शुरुआत कर दी गयी है. इससे छात्रों और शिक्षण को को फायेदा होगा.
Delhi Public Education System: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्रयासरत है, इसके लिए दिल्ली सरकार 20 हजार से अधिक क्लासरूम में स्मार्टबोर्ड लगाने की योजना बना रही है. शंकराचार्य मार्ग स्थित शहीद अमीर चंद सर्वोदय बाल विद्यालय में स्मार्ट बोर्ड लगाने के साथ ही इस प्रक्रिया की शुरुआत की गयी, जहां इस तरह के स्मार्टबोर्ड 16 क्लास में लगायी गई है.
डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्मार्टक्लास को लेकर बताई यह बात
- मनीष सिसोदिया ने मंगलवार एक स्कूल का दौरा किया. स्कूल निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि, स्कूल की क्लासरुम को अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जा रहा है. जो नियमित शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर करेगा और बच्चों को अपने रोजाना की क्लास में बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा.
- स्मार्टबोर्ड को आधुनिक कैमरे से जोड़ा जाएगा, जिससे क्लासरूम को रिकॉर्ड किया जा सके. इस प्रक्रिया से शिक्षक और छात्र दोनों को मदद मिलेगी, जहां वह शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए दोबार क्लास से जुड़ सकते हैं.
- उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि, उनकी सरकार ने पब्लिक स्कूल सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पूरे शहर में 20 हजार क्लासरूम का निर्माण किया. सिसोदिया ने नई सुविधाओं की शुरआत के बाद कहा, सभी शिक्षकों के स्मार्टबोर्ड के उपयोग करने और शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
पिछले पांच सालों में पब्लिक एजुकेशन के बुनियादी ढांचों में हुआ है बड़ा बदलाव
हम आपको बता दें मनीष सिसोदिया जो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के पदभार के अलावा शिक्षा मंत्री का भी पदभार संभालते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले पांच से छः सालों में पब्लिक एजुकेशन के बुनियादी ढांचों में हुआ है बड़ा बदलाव आया है. अब दिल्ली के स्कूलों को विश्वस्तरीय (World Class) में गिना जाता है. सिसोदिया ने कहा विकास का यह रास्ता लंबा है, जहां पहले स्कूल सरकार बनाते थे ऐसे समय में जब स्कूल में बेंच और बेहतर ब्लैकबोर्ड नहीं थे.
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