'...तब प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं', दिल्ली में फ्यूल बैन को लेकर देवेंद्र यादव ने पीएम मोदी से पूछा सवाल
Delhi Politics: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि पुरानी गाड़ियों पर फ्यूल बैन लागू करने का कदम केवल एक पर्यावरणीय निर्णय नहीं, बल्कि एक राजनीतिक साजिश है.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि पुरानी गाड़ियों पर फ्यूल बैन लागू करने का कदम केवल एक पर्यावरणीय निर्णय नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक साजिश है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों की मिलीभगत है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''दिल्ली की जनता ने मोदी जी के नाम पर वोट दिया था, लेकिन आज जब रोज़ी-रोटी पर तलवार लटकी है, तब प्रधानमंत्री मौन क्यों हैं''.
'मोदी सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए'
देवेन्द्र यादव ने कहा “जब एनजीटी का आदेश पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराया जा चुका है, तो दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाना समय बर्बाद करके लोगों को झूठी उम्मीदें देने जैसा है. अगर वास्तव में राहत देनी है, तो मोदी सरकार को खुद कोर्ट में हस्तक्षेप करना चाहिए,“
जनता को भ्रमित करने की चाल है...
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाना जनता को भ्रमित करने और दिखावटी राहत देने की चाल है, जबकि वास्तविक जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, क्योंकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का गठन खुद मोदी सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने किया है.
कांग्रेस नेता ने बताया कि 7 अप्रैल 2015 को एनजीटी ने 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2018 को सही ठहराया, उसी आदेश को आधार बनाकर सी.ए.क्यू.एम. ने 23 अप्रैल 2025 को दिशा-निर्देश संख्या 88 और 89 जारी किए, जिनका समर्थन सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई 2025 को किया.
देवेंद्र यादव ने कहा कि ए.एन.पी.आर कैमरों को पेट्रोल पंपों पर लगाने का सुझाव खुद केजरीवाल सरकार ने दिया था और अब जब कैमरों की तकनीकी खामी की बात हो रही है तो सवाल उठता है कि “क्या इन कैमरों की खरीद में भी घोटाला हुआ है?” देवेंद्र यादव ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की.
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