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दिल्ली में जिलों की संख्या 11 से बढ़कर 13 हुई, रेखा गुप्ता की सरकार ने दी मंजूरी, पढ़ें लिस्ट

Delhi New District: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली के मौजूदा 11 राजस्व जिलों का पुनर्गठन करते हुए 13 नए राजस्व जिलों के गठन को मंजूरी प्रदान की गई.

दिल्ली में जिलों की संख्या बढ़ गई है. पहले राष्ट्रीय राजधानी में 11 जिले थे जो अब बढ़कर 13 हो गए हैं. सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि राजस्व जिलों और नगर निगम की सीमाएं अब एक जैसी होंगी. शासन और अधिक सुचारू होगा. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने सालों पुरानी समस्या का समाधान केवल 10 महीने में किया. इस फैसले से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी. 

13 जिलों और सब-डिविजन की लिस्ट

  • South East (दक्षिण-पूर्व)

जंगपुरा

कालकाजी

बदरपुर

  • Old Delhi (पुरानी दिल्ली)

सदर बाजार

चांदनी चौक

  • North (उत्तर)

बुराड़ी

आदर्श नगर

बड़ली

  • New Delhi (नई दिल्ली)

दिल्ली छावनी

नई दिल्ली

  • Central (केंद्रीय दिल्ली)

पटेल नगर

करोल बाग

  • Central North (केंद्रीय-उत्तर)

शकरपुर बस्ती

शालीमार बाग

मॉडल टाउन

  • South West (दक्षिण-पश्चिम)

नजफगढ़

मटीयाला

द्वारका

बिजवासन

  • Outer North (बाहरी उत्तर)

मुंडका

नरेला

बवाना

  • North West (उत्तर-पश्चिम)

किराड़ी

नांगलोई जाट

रोहिणी

  • North East (उत्तर-पूर्व)

करावल नगर

गोकुलपुरी

यमुना विहार

शाहदरा

  • East (पूर्वी दिल्ली)

गांधी नगर

विश्वास नगर

पटपड़गंज

  • South (दक्षिण)

छतरपुर

मालवीय नगर

देवली 

महरौली

  • West (पश्चिमी दिल्ली)

विकासपुरी

जनकपुरी

राजौरी गार्डन

सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में लिया गया फैसला

दिल्ली सरकार ने राजधानी की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए 11 की जगह अब 13 नए राजस्व जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया. सरकार का कहना है कि इससे दिल्ली में शासन और ज्यादा सुचारू, तेज और नागरिकों के करीब होगा. 

क्या बोलीं सीएम रेखा गुप्ता?

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह काम कई सालों से लंबित था लेकिन किसी भी सरकार ने इसे सुलझाने की कोशिश नहीं की. हमारी सरकार ने सिर्फ 10 महीनों में इस समस्या को दूर कर दिया. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के विजन को जमीन पर उतारने वाला बड़ा कदम है. 

उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी लगातार बढ़ रही है. नए मोहल्ले, नई कॉलोनियां बन रही हैं और नागरिक सेवाओं की मांग बढ़ रही है. ऐसे में पुराने जिलों पर काम का बोझ भी तेजी से बढ़ गया था. शिकायतों का तेजी से निस्तारण जमीन से जुड़े काम, निर्माण अनुमतियां, वसूली, पंजीकरण जैसे काम समय पर नहीं हो पाते थे.

दिल्ली जैसे बड़े महानगर में यह जरूरी था- रेखा गुप्ता

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जैसे बड़े महानगर में यह जरूरी था कि प्रशासन को छोटे और संतुलित हिस्सों में बांटा जाए, ताकि अधिकारी लोगों तक जल्दी पहुंच सकें और सेवाएं तेजी से मिल सकें. कई सालों से यह समस्या थी कि दिल्ली के राजस्व जिलों की सीमा, एमसीडी जोन, NDMC और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की सीमाओं से मेल नहीं खाती थीं.

सीएम ने कहा कि फाइलें भटकती थीं. शिकायतों में भ्रम रहता था. किस विभाग को कार्रवाई करनी है, यह भी साफ नहीं होता था. भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में समस्याएं आती थीं. अब नए 13 जिलों की सीमाएं पूरी तरह MCD, NDMC और कैंटोनमेंट बोर्ड से मेल खाएंगी. इससे काम तेज होगा और विभागों के बीच तालमेल सुधरेगा. 

13 जिलों में होगा अब यह काम

नई व्यवस्था के तहत अब दिल्ली में 13 जिले, 39 सब-डिविज और सभी जिलों में एक-एक मिनी सचिवालय बनाया जाएगा. इन मिनी सचिवालयों में एक ही इमारत में SDM, ADM, तहसील, उप-पंजीयक कार्यालय और राजस्व से जुड़ी सभी सेवाएं मिल जाएंगी. नागरिकों को अलग-अलग इमारतों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

संपत्ति रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. अब ये कार्यालय सीधे सब-डिविजन से मिले होंगे जिससे जमीन और मकान का पंजीकरण तेजी से होगा. रिकॉर्ड डिजिटलीकरण में सुधार आएगा. साथ ही नागरिकों को दूर-दूर जाकर रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ेगा.

सरकार ने किया ये दावा

सरकार का दावा है कि इस बड़े बदलाव से सेवाएं और तेज मिलेंगी. प्रशासन नागरिकों के और करीब आएगा. वहीं शिकायतों का निपटारा जल्दी होगा. इससे अधिकारियों पर काम का बोझ कम होगा और सीमाओं का भ्रम खत्म होगा. नागरिकों को साफ पता रहेगा कि उनका काम किस कार्यालय में होगा. इससे MCD, NDMC और राजस्व विभाग का तालमेल मजबूत होगा. आपदा प्रबंधन, शहरी योजना और भूमि रिकॉर्ड को बेहतर बनाया जा सकेगा

इससे पहले साल 2012 में हुआ था प्रशासनिक पुनर्गठन

दिल्ली में आखिरी बार ऐसा बड़ा प्रशासनिक पुनर्गठन 2012 में हुआ था, जब जिले 9 से बढ़ाकर 11 किए गए थे. आबादी और शहरी विस्तार के साथ दिल्ली में स्थानीय प्रशासन को मजबूत बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से उठती रही थी. कई समितियों ने भी सुझाव दिया था कि छोटे जिले बनाकर शासन को नागरिकों के नजदीक लाया जाए. अब 13 जिलों की नई व्यवस्था राजधानी में प्रशासन को नई दिशा दे सकती है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कदम दिल्ली की प्रशासनिक प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा. सरकार का दावा है कि इससे लोगों की जिंदगी आसान होगी और सरकारी सेवाएं ज्यादा तेज, सरल और विश्वसनीय बनेंगी.

मैं बलराम पांडेय ABP नेटवर्क में वरिष्ठ संवाददाता हूं. मीडिया उद्योग में 19 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, मैं रिपोर्टिंग और विश्लेषण में अपने अनुभव का लाभ उठाकर दर्शकों को आकर्षित और जागरूक करने वाली उच्च-प्रभाव वाली कहानियाँ पेश करता हूं. वर्तमान में, मैं दिल्ली सरकार और राजनीतिक घटनाओं, प्रवर्तन निदेशालय (ED), CBI को कवर करने, के साथ बड़े इंटरव्यू और समसामयिक मामलों पर व्यावहारिक विश्लेषण प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदारी निभा रहा हूं 
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