उत्तराखंड के सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने में शामिल वकील हसन के घर चला बुलडोजर, कहा- अब मरना ही विकल्प
DDA Demolition Drive: उत्तराखंड के सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में शामिल रहे वकील हसन ने घर पर बुल्डोजर चलने पर कहा कि अब मरना ही विकल्प है. मुझे बहुत बुरा लग रहा है.

Rat Hole Miner Wakeel Hassan: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने बुधवार (28 फरवरी) को खजूरी खास इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया और कई घरों को ढहा दिया.
डीडीए के इस अभियान के बाद बेघर होने वाले लोगों में वकील हसन भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले साल नवंबर में अपनी टीम के साथ उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए अवॉर्ड दिया गया था. वकील हसन पेशे से 'रैट होल माइनर' (चूहे की तरह सुरंग खोदने वाले) हैं.
वकील हसन ने अपना घर ढहाए जाने के बाद कहा कि हमारे पास मरना ही विकल्प है. हमने सिल्कयारा सुरंग में 41 लोगों को बचाया और बदले में हमें यह मिला.
'छत छीन ली'
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''बहुत दुख हो रहा है. मैं क्या कह सकता हूं, पूरा समाज समझ सकता है कि मेरे साथ क्या हुआ है. मैंने देश के लिए इतना अच्छा काम किया. मैं खुद से अपनी तारीफ नहीं करना चाहता. मुझे इस काम का सिला ये मिला कि छत छीन ली गई.''
'बच्चे कहां जाएंगे?'
वकील हसन ने आगे कहा, ''मेरे बच्चे रोड पर बैठे हैं. मैं कहां जाऊंगा पूरी जिंदगी? आज कमाना मुश्किल हो रहा है, कहां से घर लेगा. यही ऑप्शन है कि मर जाएं. सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिला है. सरकार देखते हैं पूछती है या नहीं. मैंने पूछा कि क्यों तोड़ रहे हैं तो उन्होंने कुछ नहीं दिखाया. हम सभी को थाने ले गए और पैक कर दिया.मुझे 8 बजे तक रखा. बेटी, पत्नी को भी वहीं रखा. बेटे से मारपीट भी की. हमारी तारीफ दुनिया कर रही है. उत्तराखंड सरकार ने हमें 50 हजार रुपये दिए, लेकिन इससे क्या होगा?''
#WATCH | Delhi: House of one of the rat miners, who were part of Uttarkashi tunnel rescue operation, razed during an anti-encroachment drive by DDA (28/02) pic.twitter.com/3069wrOAi9
— ANI (@ANI) February 29, 2024
डीडीए ने क्या कहा?
डीडीए ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो 'योजनाबद्ध विकास भूमि' का हिस्सा थी. पुलिस ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया.
डीडीए ने इस अभियान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ 28 फरवरी को डीडीए द्वारा खजूरी खास गांव में अपनी अधिग्रहीत जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए विध्वंस अभियान चलाया गया था. यह जमीन नियोजित विकास भूमि का हिस्सा थी. ’’
इससे पहले दिन में हसन ने क्षेत्र का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि जिस इमारत में वह और उनका परिवार रह रहा था, उसे अभियान में ध्वस्त कर दिया गया था.
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Source: IOCL






















