मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ ACB ने दर्ज किया केस तो क्या बोली AAP?
Delhi News: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एसीबी की तरफ से मामला दर्ज किए जाने पर आप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पांच साल तक कोई काम नहीं करना है. वह केवल ड्रामा और नौटंकी करेंगे.

Delhi News: भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ अत्यधिक लागत पर कक्षाओं के निर्माण के आरोप में मामला दर्ज किया है.
इस आरोप को आम आदमी पार्टी (आप) ने बेबुनियाद बताया है. आप ने कहा कि सिसोदिया और जैन को पंजाब इकाई का प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद एसीबी ने उन पर दबाव डालने के लिए मामला दर्ज किया. केजरीवाल सरकार में सिसोदिया शिक्षा मंत्री रहे थे. वहीं जैन लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री थे.
आप' के मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ''सिसोदिया और जैन पर दबाव बनाने के लिए यह एक 'राजनीतिक' कदम है. बीजेपी सरकार के पास कोई काम नहीं है और हर मामले में वह ‘आप’ नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा देती है.''
खोखली धमकियों से नहीं डरते - ढांडा
ढांडा ने कहा, ''जैसे दुर्गेश पाठक पर गुजरात सह-प्रभारी बनते ही केस हुआ, वैसे ही अब पंजाब प्रभारी सिसोदिया और जैन पर भी मामला दर्ज किया गया है. भाजपा को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि ‘आप’ नेता ईडी और सीबीआई जैसी उनकी एजेंसियों या ऐसी खोखली धमकियों से नहीं डरते.''
भारतीय जनता पार्टी को पांच साल तक कोई काम नहीं करना है। वह केवल ड्रामा और नौटंकी करेंगे।
— AAP (@AamAadmiParty) April 30, 2025
हमारी पार्टी द्वारा दुर्गेश पाठक जी को गुजरात का सह प्रभारी बनाया जाता है तो उनके यहां CBI का छापा पड़ जाता है।
अब इन्होंने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के ऊपर FIR दर्ज की है। लेकिन हम… pic.twitter.com/ab2BAGXnYR
क्या है एसीबी का दावा?
दावा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के शासनकाल के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ. सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने अपनी 17 फरवरी 2020 की रिपोर्ट में निर्माण कार्यों में ‘साफ-साफ गड़बड़ियां’ होने की बात कही थी. इसी मामले में एसीबी ने केस दर्ज किया है.
एसीबी के बयान के अनुसार, कथित तौर पर प्रत्येक कक्षा का निर्माण 24.86 लाख रुपये में किया गया, जो सामान्य लागत से लगभग पांच गुना अधिक है. यह कार्य कथित तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़े ठेकेदारों को सौंपा गया था.
Source: IOCL























