Korba News: शिकारियों के लगाए करंट वाले तार में फंसकर चार भैंसों की मौत, मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंका
मामला कोरबा वनमंडल कार्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर ग्राम गोढ़ी की है. गोढ़ी में भागीरथी उर्फ बबलू यादव निवास करता है.

Korba News: वन विभाग के अफसर वन्यप्राणियों के शिकार की रोकथाम के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हैं, लेकिन अफसरों की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही है. कोरबा जिले में एक बार फिर करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर चार मवेशियों की मौत हो गई. यह तार शिकार के लिए लगाया गया था. शिकारियों ने अपनी पोल खुलने के भय से मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंक दिया था. वन विभाग की टीम ने वैधानिक कार्रवाई पूरी करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
मामला कोरबा वनमंडल कार्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर ग्राम गोढ़ी की है. गोढ़ी में भागीरथी उर्फ बबलू यादव निवास करता है. वह खेती किसानी के अलावा मवेशी पालन करता है. उसने अपनी चार भैसों को बीते दिनों चरने के लिए छोड़ दिया था, लेकिन भैंस घर नही पहुंची. बबलू अपने स्तर पर भैंसो की खोजबीन कर रहा था. जब सुबह ग्रामीण जंगल पहुंचे तो सुगंध आने लगी. जिससे ग्रामीणों को जंगल में वन्यप्राणी की मौत की आशंका हुई. ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी. सूचना मिलते ही वनकर्मी गोढ़ी व जंगल के कक्ष क्रमांक 0 ए 1292 बांसबाड़ी पहुंचे. जहां नजारा देख वनकर्मी भी दंग रह गए.
दरअसल 11 केव्ही करंट प्रवाहित तार छह सात फीट की उंचाई पर लटक रहा था. वहीं अलग अलग स्थान पर भैंस मृत पड़े हुए थे. मवेशियों को सूखे पत्ते से ढंका गया था. जिससे दुर्गंध उठ रहा था. वन कर्मियों ने मौके का बारिकी से निरीक्षण किया तो वन्य प्राणी की शिकार के लिए बिछाए गए तार भी मिले. जिससे संभावना जताई जा रही है कि शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार की चपेट में आकर मवेशियों की मौत हुई होगी. शिकारियों ने अपनी पोल खुलने के भय से मवेशियों को सूखे पत्ते और डंगाल से ढंका होगा. मृत मवेशी भागीरथी के थे. शिकारियों के लगाए गए फंदे से वन्य प्राणी तो बच गए, लेकिन चार मवेशियों की मौत हो गई. बहरहाल वनकर्मियों ने वैधानिक कार्रवाई पूरी करते हुए जांच शुरू कर दी है.
एंटी स्नेर वॉक की खुली पोल
कोरबा व कटघोरा वनमंडल में वन्य प्राणियों की शिकार पर अंकुश लगाने एंटी स्नेर वॉक शुरू की गई थी. इस योजना के तहत प्रशिक्षित टीम के साथ वनकर्मी जंगल की गश्त कर रहे थे, ताकि समय रहते शिकार के लिए बिछाए गए तार व जाल को हटाया जा सके. गोढ़ी के जंगल में चार मवेशियों की मौत ने योजना की पोल खोल दी है. यदि वनकर्मी गश्त करते तो पहले ही मामले का खुलासा हो सकता था.
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