Bastar News: लाल आंतक से लोहा ले रही देश की वीरांगनाएं, बस्तर में नक्सलियों को बैकफुट पर लाने में CRPF महिला कमांडो की अहम भूमिका
Bastar News: बस्तर में सीआरपीएफ, कोबरा से लेकर स्थानीय पुलिस बल में भी बड़ी संख्या में स्थानीय युवतियों को स्पेशल ट्रेनिंग देकर महिला कमांडो बनाया जा रहा है.

Chhattisgarh News: देश की रक्षा के लिए जम्मू कश्मीर से लेकर लाल आतंक का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर में जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला कमांडो भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. सीआरपीएफ, कोबरा से लेकर स्थानीय पुलिस बल में भी बड़ी संख्या में स्थानीय युवतियों को स्पेशल ट्रेनिंग देकर महिला कमांडो बनाया जा रहा है. अंदरुनी इलाको में इनको तैनात किया जा रहा है. यह वीरांगनाए आज देश के अन्य इलाकों के साथ-साथ बस्तर में भी अपनी सफलता का लोहा मनवा रही है. बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर में तैनात दंतेश्वरी महिला कमांडो, महिला बटालियन नक्सल ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाने के साथ ग्रामीणों का सरकार और पुलिस के प्रति दिल भी जीत रही है. नक्सलवाद का बस्तर में बैकफुट पर आने का मुख्य कारण यह महिला कमांडो भी है जो नक्सलियों के गढ़ में तैनात होकर उनसे आमने सामने की लड़ाई लड़ रही हैं.
एंटी नक्सल ऑपरेशन में महिला कमांडों की अहम भूमिका
बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ की जांबाज महिला कमांडो लाल आतंक से लोहा ले रही है. बस्तर में तैनात सीआरपीएफ के सामने जब स्थानीय भाषा और भौगोलिक जानकारियों को लेकर समस्या आने लगी और नक्सलियों के दबाव में ग्रामीणों ने जवानों पर झूठे आरोप लगाए. तब पहली बार सीआरपीएफ ने बस्तर के युवाओं को मौका देने के उद्देश्य से बस्तर बटालियन बनाने का फैसला लिया. इस फैसले के तहत एक तिहाई महिलाओं की भर्ती की गई. सीआरपीएफ की महिला कमांडो की टीम बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में ड्यूटी पर तैनात है. महिला कमांडो ने कहा कि आज वह खुद पर गर्व महसूस करती हैं, जिस तरह से अपने देश की रक्षा और बस्तर की रक्षा के लिए वह नक्सलगढ़ में तैनात होकर नक्सलियों से लोहा लेने के साथ ही ग्रामीणों का दिल जीत रही हैं. ऐसे में उन्हें अपने आप पर काफी गर्व महसूस होता है.
महिला कमांडो ने बस्तर के हालात बदले
महिला कमांडो ने देश की महिलाओं को संदेश भी दिया कि अगर उनकी आवाज दबाई जाती है तो उन्हें अपनी आवाज भी बुलंद करनी चाहिए. महिला बटालियन के रूप में सीआरपीएफ से जुड़ी बस्तर की महिलाएं कितनी सफल साबित हो रही है इसके जवाब में उनके सीनियर अधिकारी ने बताया कि जब बस्तर बटालियन की परिकल्पना की गई तो इसका उद्देश्य था कि उनके जवान और बस्तर के ग्रामीणों के बीच दूरियों को कम किया जा सके. बस्तर बटालियन के गठन के बाद हालात बदलते नजर आ रहे हैं. बस्तर के युवा ही नहीं युवतियों और महिलाओं में भी गजब की शारीरिक क्षमता होती है. यह महिलाएं लगातार पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. बस्तर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है.
बस्तर की शान है महिला कमांडो
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर में आज सीआरपीएफ और स्थानीय स्तर पर बनाए गए बटालियन में सैकड़ों की संख्या में महिला कमांडो तैनात हैं. यह महिलाएं बस्तर में विषम परिस्थिति में भी नक्सलियों से लोहा ले रही हैं और उनका डटकर सामना भी कर रही हैं. बाकायदा जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नक्सल ऑपरेशन में जाने के साथ ग्रामीण महिलाओं का भी दिल जीत रही हैं. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में ग्रामीणों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और नक्सलवाद भी बैकफुट पर है. महिला कमांडो बस्तर पुलिस की शान बनकर बस्तर और देश की रक्षा कर रही है.
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Source: IOCL























