Chhattisgarh Paddy Sale: धान बिक्री में फर्जीवाड़ा, कोचिये ने किसानों के खाते में बेच दिया अपना धान, प्रशासन भी हैरान
Paddy Sale fraud In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है लेकिन बावजूद इसके यहां से धान बिक्री में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है.

Paddy Sale fraud In Koriya: छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर 2023 से समर्थन मूल्य पर किसानों की धान खरीदी की शुरुआत की गई है. प्रदेशभर के धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी का काम चल रहा है. वहीं धान बेचने में किसानों को किसी तरह को दिक्कत ना हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. इसके साथ ही धान खरीदी पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है, जो अवैध धान, और बिचौलियों पर नजर रखकर उनपर कार्रवाई कर रहे है.
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में फर्जीवाड़ा कर कोचिया ने 3 पंजीकृत किसानों के खाते में धान बेच दिया, जिसकी मूल किसानों को खबर तक नहीं हुई. वहीं मामले की जांच के बाद प्रशासन ने एक्शन लिया है दोषियों के खिलाफ पुलिस थाना में अपराध पंजीबद्ध कराया है.
दरअसल, कोरिया जिले में फर्जीवाड़ा कर पंजीकृत 3 किसानों के खाते में अपना धान बेचने वाले बिचौलिए व कंप्यूटर ऑपरेटर समेत 3 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रशासन द्वारा धान बिक्री में गड़बड़ी की जांच की गई. प्रशासन भी हैरान रह गई. पटना नायब तहसीलदार समीर शर्मा से जांच कराई गई थी. जिसके बाद मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करने लिखित शिकायत पटना थाने को सौंपी गई थी.
वर्ष 2021-22 में धान कोचिया अजय कुमार कुशवाहा पिता कैलाश नाथ निवासी ग्राम अमहर के किसान प्रताप सिंह, शिवनाथ एवं अनुराधा के खाते में धान बेचा था. इसकी जानकारी पंजीकृत किसानों को नहीं दी और उनकी सहमति भी नहीं ली थी. किसानों की भूमि को अपने खाते में फर्जी तरीके से अधिक धान की फसल की बिक्री कर 3 लाख 19 हजार 350 रुपए अवैध लाभ कमाया. इससे पंजीकृत 3 किसान एवं शासन को क्षति पहुंचाया गया है.
बता दें कि वर्ष 2022-23 में भी कोचिया अजय कुमार कुशवाहा द्वारा फर्जीवाड़े की पुनरावृत्ति की जा रही थी. मामले में जांच शुरू होने पर अजय कुमार कुशवाहा द्वारा अपने भाई व सह खातेदार अरविंद कुशवाहा पिता कैलाश नाथ के सहयोग से उप तहसील पटना की आईडी के माध्यम से बिना अधिकारी की जानकारी में फर्जीवाड़ा का प्रयास किया गया.
तहसील कार्यालय पटना में कार्यरत ऑपरेटर संजीव कुमार की सहायता तथा अरविंद कुशवाहा की सक्रियता व संलिप्तता से अन्य किसानों का नाम अपने पंजीकृत खाते से हटवा दिया. इस मामले में प्रथम दृष्टया अजय कुमार कुशवाहा, अरविंद कुशवाहा, कंप्यूटर ऑपरेटर संजीव कुमार को दोषी पाया गया है. दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.
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Source: IOCL























