अमित शाह के बयान का भूपेश बघेल ने किया पलटवार, बोले- 'ऐसे हवा में कुछ भी...'
Bhupesh Baghel News: भूपेश बघेल ने अमित शाह को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय तो आपके बस्तर दौरे हो रहे थे और हमारी सरकार ने आपसे कभी जाने को मना ही नहीं किया.

Bhupesh Baghel On Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (5 अप्रैल) को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित 'बस्तर पंडुम' महोत्सव के समापन समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले उन्हें दंतेवाड़ा में सीएम द्वारा रैली करने से रोक दिया जाता था. वहीं अब इस पर पूर्वी मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने पलटवार किया है.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, "ये किस मुख्यमंत्री की बात कर रहे हैं, आदरणीय गृहमंत्री? ऐसे हवा में कुछ भी उछाल कर मत निकलिएगा, नाम बताना चाहिए. अगर डॉ रमन सिंह जी आपसे ऐसा कहते थे तो इस बात को आप स्वीकार कर ही रहे हैं कि डेढ़ दशक में बीजेपी सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद फला-फूला है. हमारी सरकार में ही नक्सलवाद पर प्रहार शुरू हुआ था. क्योंकि कांग्रेस सरकार के समय तो आपके बस्तर दौरे हो रहे थे और हमारी सरकार ने आपसे कभी जाने को मना ही नहीं किया."
ये किस मुख्यमंत्री की बात कर रहे हैं, आदरणीय गृहमंत्री जी?
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 5, 2025
ऐसे हवा में कुछ भी उछाल कर मत निकलिएगा, नाम बताना चाहिए.
अगर डॉ रमन सिंह जी आपसे ऐसा कहते थे तो इस बात को आप स्वीकार कर ही रहे हैं कि डेढ़ दशक में भाजपा सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद फला-फूला है.
हमारी सरकार… pic.twitter.com/FOa8wIZBw3
'देश से मांगनी चाहिए माफी'
उन्होंने आगे कहा, "जिन्होंने हथियार उठा रखे हैं, वो 'नक्सली' भाई कैसे हो सकते हैं? अनगिनत लोगों का खून बहाने वाले, हमारे जवानों को शहीद करने वाले कायरों को आपके द्वारा 'भाई' कहना हमारे वीर जवानों का, छत्तीसगढ़ के लोगों का और देश का अपमान है. 'नक्सली' और 'भाई' दोनों एक साथ नहीं हो सकते. जब तक लोकतंत्र, संविधान में आस्था नहीं है, हाथों में हथियार हैं, वो सिर्फ़ नक्सली हैं. आत्मसमर्पण से पहले कोई भी 'नक्सली' भाई नहीं हो सकता. आपको अपने इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए."
अमित शाह ने क्या कहा?
बता दें कि रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, "मैं पहले भी यहां सभाएं करने आया, तब मुझे रोक दिया जाता था. मुख्यमंत्री कहते थे आप मत जाइए, लेकिन आज धड़ल्ले से 50 हजार आदिवासी भाई-बहनों के साथ रामनवमी और अष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है."
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Source: IOCL






















