VIDEO: बिहार का एक ऐसा चचरी पुल जहां देना पड़ता है 'टोल टैक्स', बाइक से लेकर पैदल वालों तक के लिए रेट तय
लदहो पंचायत से बिरौल अनुमंडल मुख्यालय जाने के लिए एकमात्र रास्ता यह चचरी पुल ही है. ये ना रहे तो पांच किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 25 किमी जाना पड़ता है.
दरभंगा: जिले के बिरौल अनुमंडल मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर कमला नदी के नैना घाट पर बने चचरी पुल से ही लोग आने-जाने को विवश हैं. यह लदहो पंचायत में आता है. आजादी के बाद से आज तक इस पंचायत के गांव के लोगों को एक सड़क और पुल नसीब नहीं हुई. लोगों ने चंदा वसूल कर दो लाख रुपया इकट्ठा किया और बांस और लोहे का चचरी पुल बनवाया. अब खर्च को जुटाने के लिए टोल टैक्स लिए जा रहे हैं.
इस बांस के चचरी पुल से बलिया, उसरार, लदहो, बुआरी, चनबारा, बलहा, बेंक, भदरपट्टी, पोखराम सहित करीब 15 गांवों की लाखों की आबादी का आवागमन सुलभ हो सका है. हालांकि ये चचरी पुल हर साल बाढ़ में बह जाता है इसलिए ग्रामीण इस पुल से आने-जाने का किराया वसूल कर हर साल नैना घाट पर नया पुल बनवाते हैं. परेशानी झेल रहे ग्रामीण अपने नेता को कोस रहे हैं.
नव’बिहार’!ग्रामीणों ने अपने खर्च से चचरी पुल बनाया अब उसकी भरपाई के लिए 'टोल टैक्स' ले रहे हैं.दरभंगा के बिरौल प्रखंड की यह नए बिहार की तस्वीर है.सबका रेट तय है..पैदल 10, साइकिल वालों से 20 और मोटरसाइकिल वालों को देने पड़ते हैं 30 रुपये.दरभंगा से तुलसी झा.Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/IMLhfppZPB
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) May 20, 2022
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ग्रामीणों का कहना है कि हर बार विधायक और सांसद चुनाव में वोट मांगने आते हैं. गांव के मंदिर में कसम खाते हैं कि चुनाव जीतने के बाद पक्का पुल बनवा दिया जाएगा लेकिन चुनाव बीता कि वे दोबारा झांकने नहीं आते हैं. नैना घाट पर टोल टैक्स वसूलने के लिए तैनात घटवार सत्यनारायण पंडित ने बताया कि वे इस पुल से गुजरने वाले साइकिल सवार 20 रुपये, मोटरसाइकिल सवार से 30 रुपये और पैदल लोगों से 10 रुपये वसूल करते हैं. उन्होंने कहा कि ये चचरी पुल बांस और लोहे से बना है. इसमें 2 क्विंटल लोहा लगा है. भाड़ा आने-जाने दोनों का है.
बाढ़ के समय टूट जाता है चचरी पुल
लदहो पंचायत के पैक्स अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने बताया कि लदहो पंचायत से बिरौल अनुमंडल मुख्यालय जाने के लिए एकमात्र रास्ता यह चचरी पुल ही है. कहा कि चंदा लगाकर पुल बनाया गया है जिससे आवागमन होता है. बाढ़ के समय यह चचरी पुल भी टूट जाता है. स्थानीय बेचन पंडित ने कहा कि लदहो में पुल नहीं होने से पांच किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 25 किमी जाना पड़ता है. यहां पुल जल्द बनना चाहिए.
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