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Bihar Politics: सुशील कुमार मोदी ने बताई CM नीतीश की नाराजगी की वजह, RJD के दो खास लोगों का नाम लिया
Sushil Kumar Modi: सुशील मोदी ने कहा जेडीयू नीतीश कुमार की नाराजगी पर लीपापोती कर रहा है. मुख्यमंत्री का नाराज होना स्वाभाविक है. ललन सिंह पर्दा डाल रहे हैं.
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पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की नाराजगी की वजह बताई है. गुरुवार (21 दिसंबर) की शाम बयान जारी करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि इंडिया गठबंधन में सब-कुछ बिगड़ चुका है. हाथी भर चुका है, लेकिन लालू प्रसाद (Lalu Prasad) और ललन सिंह (Lalan Singh) उसमें जान-फूंकने की कोशिश करने के लिए झूठ-सच का सहारा ले रहे हैं.
लालू-तेजस्वी सिर हिलाकर हामी भरने गए थे?
सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू भले ही नीतीश कुमार की नाराजगी पर लीपापोती कर रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री का नाराज होना स्वाभाविक है. उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम लेते हुए कहा कि ये लोग उस बैठक में क्या केवल केजरीवाल और ममता दीदी के आगे सिर हिला कर हामी भरने या मौन समर्थन करने गए थे?
नीतीश कुमार का नाम लेते हुए आगे बीजेपी सांसद ने कहा कि उनको कन्वीनर या प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की बात बार-बार कही जा रही थी. पोस्टर लगवाए गए. बयान दिलवाए गए और गठबंधन की शीर्ष बैठक में कोई नाम लेने वाला भी नहीं था.
सुशील मोदी ने कहा कि जिस तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार ने दो बार डिप्टी सीएम बना कर हैसियत से "बड़ा नेता" बनाया और फिर अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया, यदि उसने भी गठबंधन के संयोजक या प्रधानमंत्री-उम्मीदवार के रूप में बिहार से नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया, तब नीतीश के रोष और क्षोभ की गंभीरता समझी जा सकती है.
'दिल्ली बैठक पर ललन सिंह डाल रहे पर्दा'
अपने बयान में बीजेपी नेता ने कहा कि जिस गठबंधन के लिए शुरुआती पहल नीतीश कुमार ने की, उसमें एक साल के अंदर कोई संगठनात्मक प्रगति नहीं हुई. न सीट शेयरिंग पर कोई खाका बना, न साझा रैली हो पाई. बेंगलुरु के बाद दिल्ली में दूसरा मौका था जब नीतीश कुमार साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए. यह उनकी नाराजगी नहीं तो क्या है? ललन सिंह इस पर भी यह कह कर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं कि नीतीश कुमार सोनिया गांधी और खड़गे से अनुमति लेकर निकले थे. गठबंधन की सब कमेटी की मीटिंग हुई भी, तो कोई ठोस फैसला नहीं हुआ. उससे भी नीतीश कुमार स्वयं को उपेक्षित महसूस करते रहे.
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