Patna News: शेयर मार्केट में हुआ घाटा तो भरपाई के लिए पत्नी का लेना चाहा सहारा, एक मैसेज ने उड़ाए सबके होश
Biscomaun AGM Kidnapping Case: 22 नवंबर को बिस्कोमान कार्यालय के एजीएम अविनाश राज के पिता ने गांधी मैदान थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. इसी पर पुलिस जांच कर रही थी.

पटना: बिस्कोमान कार्यालय में पदस्थापित असिस्टेंट गोडाउन मैनेजर (एजीएम) अविनाश राज (32 साल) के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. ना सिर्फ अविनाश को सकुशल बरामद किया गया बल्कि जो खुलासा हुआ है उसने सबको चौंका दिया है. अविनाश के पिता ने 22 नवंबर को गांधी मैदान थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. बताया था कि 20 लाख की फिरौती मांगी गई है. पत्नी के मोबाइल पर जब मैसेज आया तो सबके होश उड़ गए. अविनाश को बरामद किए जाने के बाद घटना से पर्दा उठ गया है.
बताया जाता है कि मामला दर्ज होने के बाद कांड की गंभीरता को देखते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक के आदेश पर गांधी मैदान थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. अविनाश के मोबाइल का लोकेशन मुगलसराय में मिला. तुरंत एक टीम को मुगलसराय भेजा गया. इसी बीच दिनांक 23 तारीख की सुबह अविनाश का लोकेशन हाजीपुर और फिर दोपहर में मुजफ्फरपुर बस स्टैंड पाया गया. फिर पुलिस ने दूसरी टीम को मुजफ्फरपुर भेजा. मुजफ्फरपुर से अविनाश को बरामद कर पुलिस पटना लेकर आई.
जानिए क्या है पूरा मामला
पटना पहुंचने के बाद अविनाश ने जो खुलासे किए वो बेहद चौंकाने वाले थे. उसने कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ था बल्कि वह खुद पटना से गायब होकर अपनी पत्नी को अपहरण का मैसेज भेज रहा था. 20 लाख की फिरौती भी वही मांग रहा था. पूछताछ में उसने बताया कि वह कई संस्थानों से 12-13 लाख रुपया लोन और कर्ज लेकर शेयर मार्केट एवं ट्रेडिंग में लगा चुका था. पैसा डूब गया. घाटा लगने के बाद उसे अब चुकाने का दबाव बढ़ता जा रहा था. पैसा देने का तरीका सोचा और फिर उसने अपने अपहरण की साजिश रची.
22 नवंबर को घर से ऑफिस के लिए निकला और शाम को ऑफिस से निकल कर सीधा पटना जंक्शन पहुंच गया. यहां से वह ट्रेन से मुगलसराय चला गया. मुगलसराय जाने के क्रम में ही अपने मोबाइल से अपनी पत्नी के मोबाइल पर मैसेज भेजा- "तुम्हारा पति हमारे कब्जे में है, 20 लाख रुपया अपने पिता से मांग कर खाते में जमा कर दो, तब तुम्हारे पति को छोड़ देंगे." यहां खाता भी अविनाश ने अपना ही दिया था.
इधर, गांधी मैदान थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मामला परिवार से जुड़ा हुआ था. इसमें कोई अन्य लोगों को डिस्टर्ब नहीं किया गया था. इस कारण अविनाश को छोड़ दिया गया और परिवार को सुपुर्द कर दिया गया है.
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