MATRIZE-IANS Opinion Poll 2025: बिहार चुनाव में किन मुद्दों पर जनता करेगी वोटिंग? जनता ने साफ कर दी तस्वीर, यहां पढ़ें पूरा सर्वे
Bihar Election 2025 के लिए सबसे पहले सर्वे में जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके लिए इस चुनाव में क्या-क्या मुद्दे होंगे. यहां पढ़ें पूरा सर्वे-

चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे. पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगा, वहीं दूसरे फेज में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
चुनाव की तारीख सामने आने के साथ आईएएनएस-मैटराइज का सर्वे भी सामने आया है. सर्वे के मुताबिक, बिहार में एक बार फिर से एनडीए गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है. एनडीए को 243 सीटों में 150-160 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, वहीं इंडिया गठबंधन को 70 से 85 सीटें मिलने का अनुमान नजर आ रहा है.
इन मुद्दों पर जनता करेगी मतदान
इसके अलावा, सर्वे में बिहार की जनता से कई मुद्दों पर भी राय ली गई है, उनसे यह जानने की कोशिश की गई है कि विधानसभा चुनाव में मतदाता किन मुद्दों पर इस बार वोटिंग करेंगे. जनता के द्वारा दी गई राय की मानें तो बिहार चुनाव में इस बार मतदान के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी को माना गया है.
चुनाव में मतदान के लिए बेरोजगारी को 24 प्रतिशत, भ्रष्टाचार को 10 प्रतिशत, और बुनियादी सुविधाओं को 2 प्रतिशत जनता ने मुद्दा माना है. इसके अलावा, प्रदेश की कानून व्यवस्था (5 प्रतिशत) और बढ़ती कीमतें/महंगाई (7 प्रतिशत) को भी चुनावी मुद्दे के तौर पर तरजीह दी गई है.
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वहीं, पीएम मोदी का चेहरा 9 प्रतिशत, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था 2 प्रतिशत, शिक्षा प्रणाली 8 प्रतिशत, और किसानों से जुड़े मुद्दे 4 प्रतिशत को भी प्रदेश की जनता ने चुनाव में मतदान के लिए अहम मुद्दा माना है. इसके साथ-साथ बाढ़ को 1 प्रतिशत, पलायन को 4 प्रतिशत, राज्य के विकास को 2 प्रतिशत, और शराबबंदी को 3 प्रतिशत चुनावी मुद्दा माना गया है.
वहीं, 15 प्रतिशत लोगों ने इनमें से किसी को भी चुनावी मुद्दा नहीं माना है.सर्वे में बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी जनता की राय ली गई है, जिसमें 54 प्रतिशत लोगों ने चुनाव आयोग के इस कदम को अच्छा बताया है, जबकि 17 प्रतिशत जनता ने राज्य में एसआईआर को होना जरूरी माना है. इसके अलावा, 13 प्रतिशत जनता ने इसे चुनावी फायदे का मुद्दा बताया, वहीं 16 प्रतिशत लोगों ने इसे लेकर अपनी कोई राय नहीं दी है.
Source: IOCL
























