17 अप्रैल को पहली बार होगा तेजस्वी यादव और कृष्णा अल्लावरु का सामना, पटना में होगी महागठबंधन की अहम बैठक
तेजस्वी यादव ने कहा कि 14 अप्रैल को आरजेडी अंबेडकर जयंती हर पंचायत में मनाएगी. उसके बाद 17 अप्रैल को बैठक में चुनावी रणनीति और सीट शेयरिंग पर बातचीत होगी.

Patna News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सियासी खींचतानी जारी है. मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने तेजस्वी को चेहरा मानने से इनकार कर दिया है, तो अखिलेश सिंह जैसे सीनियर लीडर तेजस्वी के साथ हैं. इन तमाम मतभेदों के बीच महागठबंधन की एक अहम बैठक 17 अप्रैल को पटना में होने जा रही है. इस बात की जानकारी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दी है. वहीं इससे पहले 14 को आरजेडी अंबेडकर जयंती हर पंचायत में मनाएगी. बैठक में चुनावी तैयारियों, चुनावी रणनीति, सीट शेयरिंग पर बातचीत होगी. महागठबंधन समन्वय समिति बनाने पर भी चर्चा हो सकती है.
शराबबंदी कानून को लेकर बोले तेजस्वी यादव
वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि इस शराबबंदी कानून का मिसयूज हो रहा. उगाही हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी पर कई बार टिप्पणी की है. पुलिस की मिलीभगत से तस्करी हो रही है. 40 हजार करोड़ का ब्लैक मार्केट बन चुका है. शराबबंदी कानून के 9 लाख मुकदमे दर्ज हुए. 12 लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसमें ज्यादातर गरीब दलित पिछड़े आदिवासी हैं. बस एक फीसदी गैर दलित गैर पिछड़े हैं. इनका कानून बस गरीबों पर चलता है. उनको तंग प्रताड़ित करने का यह कानून जरिया बन गया है.
तेजस्वी ने कहा कि सबसे ज्यादा विदेशी शराब बिहार में आ रही है. बरामद यहीं ज्यादा होती है. बिहार में शराब कहां से आ रही है? शराब कौन सप्लाई कर रहा है? कौन जिम्मेदार है? बिहार सरकार से यह हम जानना चाहते हैं. 3 करोड़ 86 लाख से ज्यादा लीटर शराब अब तक मिलने के बाद भी बड़ी मछलियों पर कार्रवाई नहीं की गई. गरीबों की गिरफ्तारियां हुईं. गृह विभाग नीतीश के पास है. जवाब दें. बिहार में बॉर्डर पार से शराब आ रही है, तो कौन जिम्मेदार है. पुलिस वाले की भूमिका क्या है? यह कानून वसूली का जरिया बन गया.
'बिहार में बिना डीके टैक्स से कोई काम नहीं होता'
विधानसभा सत्रों में सदन में जब हम इन मुद्दों को उठाते हैं तो सीएम सदन में नहीं रहते हैं. जवाब खुद नहीं देते. प्रभारी मंत्रियों से जवाब दिलाते हैं. बिहार में बिना डीके टैक्स से कोई काम नहीं होता. जितना डीके टैक्स दीजिएगा, उतनी अच्छी जगह ट्रांसफर पोस्टिंग मिलेगी. डीके टैक्स लूटिंग प्रणाली के तहत बॉर्डर इलाकों में पोस्टिंग होती है, ताकी लूट सकें. शराब तस्करी पुलिस कराती है. अधिकारियों की मिलीभगत रहती है. हम लोग सभी अधिकारियों को पहचानते हैं. सरकार कहेगी तो उनका नाम बता देंगे. उन अधिकारियों से कहना चाहते हैं कि सेलेक्टिव होकर काम मत करिए. शराबबंदी के नाम पर गरीबों को परेशान न किया जाए.
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