Indigo Crisis: JDU नेता केसी त्यागी ने मांगे फ्लाइट के पैसे, RJD ने कहा- 'अपनी बेटी पर पड़ा तो…'
Indigo Flight Crisis: केसी त्यागी ने कहा है कि डीजीसीए को सस्पेंड किया जाए और इंडिगो का लाइसेंस भी रद्द किया जाए. पढ़िए केसी त्यागी के बयान पर आरजेडी क्या कुछ कह रही है.

देश भर में बीते कई दिनों से एयरलाइंस कंपनी इंडिगो गंभीर संकट से जूझ रही है. यात्रियों को एक तरफ जहां परेशानी हो रही है तो दूसरी ओर अधिक किराया भी लिया जा रहा है. एनडीए के महत्वपूर्ण घटक दल और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने मौजूदा इंडिगो संकट के बीच हवाई यात्रा के लिए मनमाना किराया वसूल रही कंपनियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. एक तरफ उन्होंने पैसे लौटाने को कहा तो दूसरी ओर आरजेडी ने भी चुटकी ली है.
दरअसल, एबीपी न्यूज़ से रविवार को केसी त्यागी ने कहा, "मेरी बेटी की कल मुंबई में परीक्षा है… मैं एयर इंडिया वालों से पूछना चाहता हूं कि आपने 41,000 रुपये क्यों लिए आज? मेरे पैसे लौटाइए नहीं तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा, हम कोई चोर-लुटेरे नहीं हैं." साथ ही उन्होंने कहा- "डीजीसीए को सस्पेंड किया जाए और इंडिगो का लाइसेंस भी रद्द किया जाए."
'मेरे कटू शब्दों के लिए मुझे क्षमा करेंगे'
केसी त्यागी के इस पर पर आरजेडी की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. एक्स पर आरजेडी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने लिखा है, "अपनी बेटी पर पड़ा तो तकलीफ हो रही है, इससे भी बदतर स्थिति होने वाली है जब देश को पुरे तौर पर चंद पूंजीपति घरानों के हवाले कर दिया जाएगा, और इसके लिए भाजपा से कहीं ज्यादा आप, आपके नेता नीतीश कुमार जी और आपकी पार्टी जदयू जिम्मेदार है. लानत है आप जैसे ढोंगी समाजवादियों पर, मेरे कटू शब्दों के लिए मुझे क्षमा करेंगे."
जन सुराज ने भी बोला हमला
इस संकट पर जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया. लिखा, "भारत में Air Travel अब सुविधा नहीं, एक आर्थिक संकट परीक्षा बन गया है. मजबूरी में 30-40 हजार का टिकट खरीदने वाले लोग सिर्फ यात्रा नहीं करते, वे डायनेमिक प्राइसिंग जैसी नीतियों का दर्द भी झेलते हैं. सामान्य दिनों में 8-10 हजार का किराया कई गुना बढ़ जाता है. उपभोक्ता मूकदर्शक बने देखते रहते हैं और धीरे-धीरे समस्या से समझौता कर लेने वाली एक खतरनाक प्रवृत्ति पनपती है. क्योंकि हमने यह मान लिया है कि एक दिन चुनाव से पहले खाते में पैसे आ जाएंगे और सब ठीक हो जाएगा, लेकिन असल बदलाव तभी आएगा जब हम इस मौन को तोड़ेंगे, ताकि लोगों का जीवन सुधर सके क्योंकि ये सरकार की वजह से हमें अभाव में जीने के लिए अपने प्रभाव में जीने के लिए बनाई है."
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