लैंड फॉर जॉब केस: लालू-राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ मामले में फैसला टला, कोर्ट ने CBI से मांगी अहम जानकारी
Land for Job Scam: जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव और परिवार समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय करने का फैसला दिल्ली की अदालत ने टाल दिया है. CBI से आरोपियों की स्थिति 8 दिसंबर तक बताने को कहा है.

ज़मीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) से जुड़े CBI के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य के खिलाफ राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में फैसला टल गया है. आज आरोप तय करने पर आदेश आना था. कोर्ट ने सीबीआई से आरोपियों का स्टेटस मांगा है.
दिल्ली की अदालत ने सीबीआई से कहा है कि कई आरोपियों की मौत हो चुकी है. इसलिए कोर्ट आरोपियों का 8 दिसंबर तक स्टेटस बताए. अगली सुनवाई उसके बाद ही (8 दिसंबर को) होगी. बता दें, इस मामले मे CBI ने लालू यादव, रबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत 100 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया है.
103 में से चार आरोपियों की मौत
CBI ने आरोप पत्र में कहा है कि लैंड फॉर जॉब मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. कुछ सेलडीड को छोड़कर, ज़मीन की खरीद के लिए ज़्यादातर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ. CBI ने मामले में IPC की धारा 120, 420, 468, 467, 471 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11,12,13,8,9 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. CBI ने कुल 103 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है.
राबड़ी देवी ने की थी केस ट्रांसफर की मांग
इस मामले में लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी. इससे पहले 10 नवंबर को इस मामले में सुनवाई हुई थी. उस दौरान भी फैसले को 4 दिसंबर तक टाल दिया गया था. सीबीआई ने कथित घोटाला मामले में लालू-रबड़ी समेत 103 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
आरोप है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी श्रेणी में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान नियुक्तियां की गईं. इसके एवज में लालू परिवार के सदस्यों समेत कई आरोपियों ने जमीनों की रजिस्ट्री करा ली थी. यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे.
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Source: IOCL






















