'जनता पूछेगी सवाल, देना पड़ेगा जवाब', डबल इंजन की सरकार पर RJD का तंज, मांगा 20 साल का हिसाब
Bihar Assembly Election: विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं. वहीं, राजद ने 20 साल के कार्यकाल का हिसाब मांगा है.

Bihar Politics: चुनावी साल में राजद एनडीए सरकार पर हमलावर है. निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैं. पलायन, कानू व्यवस्था, बेरोज़गारी और स्वास्थ्य की बदहाली के मुद्दे पर राजद आक्रामक है. एक्स पर पोस्ट शेयर कर राजद ने डबल इंजन की सरकार से 20 वर्षों का हिसाब मांगा है.
पोस्ट में लिखा गया, "बिहार को डबल इंजन की खटारा सरकार से क्या मिला?" राजद ने खटारा कार में पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर शेयर करते हुए एनडीए सरकार पर तंज कसा. पोस्ट में लिखा गया, "बिहार अब ठगा नहीं जाएगा. जनता पूछेगी सवाल, देना पड़ेगा जवाब."
2005–2025: बिहार को डबल इंजन की खटारा सरकार से क्या मिला?
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 31, 2025
🧳 पलायन
🔫 अपराध
📉 बेरोज़गारी
🏥 स्वास्थ्य की बदहाली
📚 शिक्षा में गिरावट
🚫 महिला असुरक्षा
💰 भ्रष्टाचार
👮 पुलिसिया अत्याचार
💸 घोटाले पर घोटाले
🚗 पुरानी जर्जर गाड़ी अब नहीं चल सकती…
बिहार अब ठगाया नहीं… pic.twitter.com/ZA7VX2sC3g
राजद ने एनडीए सरकार पर कसा तंज
राजद ने तंज कसते हुए कहा कि जर्जर गाड़ी अब नहीं चल सकती. बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए सरकार के कामकाज को शानदार बता रहे हैं. सार्वजनिक मंचों से पूर्ववर्ती सरकार पर विकास विरोधी होने का आरोप भी मढ़ रहे हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से वार पलटवार का सिलसिला जारी है. बीजेपी भी लालू राबड़ी शासन काल में अपराध का मुद्दा उठाकर जनता से समर्थन मांग रही है.
बिहार में सीधी लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के बीच है. महागठबंधन की तरफ से सरकार पर निशाना साधने की कमान तेजस्वी यादव ने संभाली है. तेजस्वी यादव भी सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं. राजद ने सोशल मीडिया को बिहार की ज्वलंत समस्याओं उठाने का प्रमुख माध्यम बना लिया है. कभी वीडियो, कभी पोस्टर-बैनर और कभी कार्टून के जरिए निशाने साधे जा रहे हैं. राजद के ताजा पोस्ट में पलायन, कानून व्यवस्था, बेरोज़गारी, स्वास्थ्य- शिक्षा की बदहाली, भ्रष्टाचार और पुलिसिया अत्याचार को प्रमुख मुद्दा बनाया गया है.
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Source: IOCL






















