औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन कर उत्तर और दक्षिण बिहार को PM मोदी ने कैसे साधा? खबर को समझिए
PM Modi: इस पुल से उत्तर बिहार के बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, पूर्णिया, अररिया और दक्षिण बिहार शेखपुरा, नवादा, लखीसराय के बीच दूरी 100 किलोमीटर तक घट जाएगी. पढ़िए पूरी खबर.

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर शुक्रवार (22 अगस्त, 2022) को औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया. गंगा नदी पर बने पुल की लंबाई 1.865 किलोमीटर है और पहुंच पथ के साथ परियोजना की कुल लंबाई 8.150 किलोमीटर है. इस 6 लेन पुल का निर्माण 1,870 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. सबसे बड़ा सवाल है कि चुनावी वर्ष में इस पुल के उद्घाटन से क्या एनडीए को लाभ होगा? खबर को समझिए.
यह पुल पटना जिले के मोकामा और बेगूसराय को सीधे जोड़ेगा जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा. मोकामा-सिमरिया को जोड़ने के लिए अब तक सिर्फ एक ही रेल-सह-सड़क पुल राजेंद्र सेतु था, जो दो लेन का था. राजेंद्र सेतु की खराब स्थिति के कारण भारी वाहनों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ता था. लंबा जाम भी लग जाता था.
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा यह पुल
नए पुल से उत्तर बिहार के बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, पूर्णिया, अररिया और दक्षिण बिहार शेखपुरा, नवादा, लखीसराय के बीच दूरी 100 किलोमीटर तक घट जाएगी. यह पुल खासकर उत्तर बिहार की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगा, जो जरूरी कच्चे माल के लिए झारखंड और दक्षिण बिहार पर निर्भर रहते हैं.
चुनावी वर्ष में पीएम मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया है. इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नए पुल का उद्घाटन करके उत्तर और दक्षिण बिहार को एक साथ साधने की कोशिश की गई है.
बेहतर सड़क संपर्क… समय की बचत
यह पुल बिहार के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्तर बिहार के उद्योग और व्यवसाय, जो कच्चे माल के लिए दक्षिण बिहार और झारखंड पर निर्भर हैं, इससे सीधा लाभ मिलेगा. बेहतर सड़क संपर्क से माल ढुलाई की लागत और समय में कमी आएगी, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. इस परियोजना से न केवल यात्रा सुगम होगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को भी गति मिलेगी.
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Source: IOCL























