एक्सप्लोरर

10 हजार कैश ने बिहार में NDA को जिताया? एक्सपर्ट बोले- इसी दम पर महाराष्ट्र-कर्नाटक में जीते गए चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन को ऐतिहासिक जीत मिली है. एक्सपर्ट से पॉलिटिक्स के उस नए फॉर्मूले को समझिए जिसमें जाति सहित सारे फैक्टर फेल हो रहे हैं, सीधे कैश मॉडल चुनावों की दिशा तय कर रहा है.

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को बंपर जीत मिलती दिख रही है. 243 विधानसभा सीटों वाले राज्य में ये गठबंधन 200 से ज्यादा सीटों पर लीड कर रहा है. वहीं, विपक्ष की हालत खस्ता है. ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि वो क्या फैक्टर जिसने इस चुनाव में बीजेपी और एनडीए गठबंधन को ऐतिहासिक जीत दिला रही है. चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में एनडीए को 10 हजार कैश देने वाली स्कीम का बंपर फायदा मिला है. हालांकि कुछ का ये भी कहना है कि नीतीश कुमार की छवि की वजह से लोगों ने उन पर भरोसा जताया है.

वरिष्ठ पत्रकार दिबांग का कहना है कि बिहार चुनाव के नतीजे इस बात के गवाह हैं कि अब चुनाव जाति से काफी ऊपर उठ चुका है. दिबांग कहते हैं, 'यह जीत एक ऐतिहासिक बदलाव दिखा रहा है. यह चुनाव 'जाति बनाम 10 हजार कैश' की स्कीम में बदल गया. जिस तरह से पैसा ट्रांसफर हुआ, आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी में काम करने वालों की सैलरी बढाई गई, चुनाव पूरी तरह उसी दिशा में मुड़ गया.'

आपको बता दें कि चुनावों से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' शुरू की. इसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से 10,000 रुपये दिए गए. एबीपी न्यूज़ की ही रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के तहत अब तक एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं फायदा ले चुकी हैं. चुनावों में एनडीए को महिलाओं का भारी समर्थन मिला है. 

दिबांग कहते हैं बिहार पहला राज्य नहीं है जहां कैश की वजह से सरकार ऐसी जीत हासिक कर रही है. ये एक एक्सपेरिमेंट है जिसे शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया. आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने 2023 में 'लाडली बहना योजना' शुरु की थी  जिसके तहत 21 साल से 60 साल तक की महिलाओं को एक हजार रुपये मिलते हैं. 

दिबांग का कहना है 'महाराष्ट्र और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी ये एक्सपेरिमेंट सफल रहा, बिहार तो वैसे भी आर्थिक रूप से कमजोर राज्य है. ऐसे में यह बड़ा चुनाव बन गया, जिसमें बड़े उम्मीदवार की उतनी ज़रूरत नहीं रही, बल्कि एक मजबूत केंद्रीय नेतृत्व की आवश्यकता थी और अमित शाह ने यह काम बखूबी किया. उनका कहना है कि ये नई तरह की राजनीति है जिसमें विपक्ष के लिए बहुत कम मौके बचे हैं. 

हालांकि, चुनावी रणनीतिकार और एमडी डिजाइन बॉक्स के एमडी नरेश अरोड़ा इस बारे में अलग राय रखते हैं. नरेश अरोड़ा का मानना है कि नीतीश कुमार पर लोगों ने विश्वसनीयत दिखाई है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में नरेश अरोड़ा ने कहा, 'सब लोग बोलते हैं कि दस हजार की स्कीम की वजह से उन्हें वोट मिला है लेकिन वादे तो कांग्रेस ने भी किए थे लकिन लोगों ने विश्वास नहीं किया.'

उनका कहना है, 'ये चुनाव विश्वसनीयत का चुनाव था. 20 साल बाद भी अगर किसी मुख्यमंत्री को इतनी सीटें आ रही हैं, तो कहीं ना कहीं ये विश्वसनीयत की बात है. राजनीति में जो लोग काम करते हैं उनके अंदर विश्वसनीयत का चैलेंज रहता है. लोगों को उन पर विश्वास है या नहीं, ये सबसे अहम बात होती है.'

कैश ट्रांसफर स्कीम के बारे में बताते हुए नरेश अरोड़ा कहते हैं, 'हिंदुस्तान में सबसे पहली बार ये स्कीम 2020 में असम में लागू हुई थी. कांग्रेस की सरकार नहीं बनी. फिर कर्नाटक में अप्लाई हुई. सरकार के पैसे देने से सरकारें बनती होती तो पहले भी पैसे देकर सरकार बन सकती थी. सारी बात विश्वसनीयत की है, आप चाहें खाते में पैसे डालें या फिर कुछ और बातें करें. नेताओं को अपनी क्रेडिबिलिटी पर काम करना चाहिए.'

नरेश अरोड़ा के मुताबिक विपक्ष ने बिहार चुनाव में जिन मुद्दों पर फोकस किया उसमें उतना दम नहीं था कि लोग उन पर भरोसा जता सकें. उन्होंने कहा, 'वोट चोरी के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन इसके साथ ये बात भी जरुरी है कि क्या चुनाव जिताने के लिए वो एक मुद्दा ही अकेला काफी है? क्या वोटरों के साथ वो मुद्दा कनेक्ट करता है जिससे वो वोट आपके फेवर में डाले.'

क्या जाति से ऊपर उठ चुका है चुनाव? 

बिहार में जीत के आंकड़े ये बताते हैं कि विपक्ष अपने मुद्दों को जनता के बीच रखने में फ्लॉप रहा और सतारुढ पार्टी ने अपने काम को लोगों के बीच पहुंचाने में कामयबा रही. जाति फैक्टर भी फेल रहा. इस मुद्दे पर दिबांग का कहना है कि 'अब चुनाव पारंपरिक जातीय समीकरणों से काफी आगे बढ़ चुका है. अगर आप विपक्ष में हैं, तो बड़े–बड़े वादे कर सकते हैं- 'हर घर नौकरी देंगे', 'इतनी स्कीमें लाएंगे' - लेकिन लोग अब उसे सुनने वाले नहीं हैं, क्योंकि पैसा सीधे उनके हाथों में आ गया है.'

चुनावों में ऐसा होना कुछ नया नहीं है. दक्षिण भारत की राजनीति में ऐसा बहुत पहले से होता आ रहा है. दिबांग बताते हैं कि 'एक दौर ऐसा भी था, जब फ्रिज, प्रेशर कुकर, और यहां तक कि मंगलसूत्र तक बांटे जाते थे. अब वही दक्षिण की राजनीति यहां आ गई है.'

विपक्ष को अब 'रेट' बढ़ाना होगा

वो ये भी कहते हैं कि 'दिलचस्प बात यह है कि अगर यहां 10 हजार दिए गए, तो अब ममता बनर्जी को 15 हजार देने होंगे. असम में मुख्यमंत्री को इससे भी अधिक देना होगा. और यह तभी संभव है जब आपके पास केंद्र की सरकार हो. अब से आने वाले समय में यही 'फॉर्मूला' राजनीति को चलाएगा.'

एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर बलराम पांडे ने आज नतीजों के बीच बिहार में महिलाओं से बातचीत की. एक महिला का कहना है कि 'हमने सोचा कि अगर बिहार में तेजस्वी की सरकार बनी तो फिर से जंगलराज आ जाएगा, गुंडागर्दी होगी.' वहीं, एक और महिला ने कहा कि 'तेजस्वी की सपना चकनाचूर हो गया. फिर से नीतीश और आजीवन नीतीश.'

पवन रेखा एक अनुभवी पत्रकार हैं और वर्तमान में ABP News में एंटरटेनमेंट एडिटर हैं. वे पिछले 11 वर्षों से ABPLive.com का हिस्सा हैं. जिनकी कलम मनोरंजन के साथ-साथ राजनीति, चुनाव, सामाजिक सरोकार और महिला अधिकार जैसे मुद्दों पर बिना रुके, बिना झुके रवां दवां है. मनोरंजन पत्रकारिता में उनका अनुभव सिर्फ़ रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि वे लंबे समय से फिल्मों की समीक्षा (Film Reviews) भी कर रही हैं. Content Strategy ABP Live की एंटरटेनमेंट कलस्टर की पूरी कंटेंट स्ट्रैटजी, कवरेज प्लानिंग और टारगेट एग्जीक्यूशन की ज़िम्मेदारी पवन रेखा की है. इवेंट्स की कवरेज कैसे करनी है, किन ट्रेंड्स को फॉलो किया जाएगा और कौन सी स्टोरीज़ डिजिटल ऑडियंस को सबसे ज़्यादा कनेक्ट करेगी. टीम में काम का बंटवारा कैसे होगा और किस स्ट्रैटेजी से टारगेट हासिल करना है. यही हुनर उनकी असल ताकत है. Celebrity Interviews रेखा ने दिव्या दत्ता,  वरुण ग्रोवर, विद्युत जामवाल, सुधीर बाबू, फाजिलपुरिया, स्वानंद किरकिरे, कौसर मुनीर और फारुक कबीर जैसे दिग्गजों के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किए हैं.   Digital Skills  डिजिटल युग की मांग को समझते हुए पवन रेखा ने SEO, G4 ट्रेनिंग, AI आधारित कंटेंट वर्कफ्लो और डेटा एनालिटिक्स में अलग-अलग ट्रेनिंग और कोर्स के जरिए अपनी दक्षता को एक नई ऊंचाई दी है. रंग और तस्वीरों की बेहतरीन समझ रखने वाली रेखा Canva जैसे डिज़ाइन टूल्स में एक्सपर्ट हैं, जो उन्हें विज़ुअल कंटेंट प्लानिंग और सोशल मीडिया ऑप्टिमाइजेशन में एक बेहतरीन लीडर के तौर पर उभारता है. Expertise उनका जुड़ाव थिएटर और सिनेमा से बहुत पुराना है, वे सिर्फ़ ट्रेंड्स नहीं, ओटीटी की कंटेंट गहराई, कहानियों के प्लॉट और इसके सांस्कृतिक प्रभावों को समझती हैं और उन्हें बेहतरीन अंदाज़ से प्रस्तुत करने की कला रखती हैं. Professional Degree पवन रेखा ने बायोलॉजी में स्नातक और पत्रकारिता में MA Mass Communication किया है. साइंस की पढ़ाई ने उन्हें जहां वैज्ञानिक तथ्यों, किस्से और फैक्ट की समझ दी, वहीं पत्रतकारिता के क्षेत्र में ऊंच शिक्षा ने इस फील्ड की बारिकियों से रू-ब-रू कराया.  Publication पवन रेखा की लेखनी को ‘योजना’, ‘जनसत्ता’ जैसे मंचों पर जगह मिलती रही, जो उनके लेखन की गहराई को दर्शाता है. 'मेरा काम सिर्फ़ लिखना नहीं, समझाना भी है- और कभी-कभी, महसूस कराना भी' Social Media Instagram- https://www.instagram.com/rekhatripathii/ X- https://x.com/ Facebook - https://www.facebook.com/rekhatiwarip

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
बंगाल में बढ़ने वाली है गर्मी, BJP ने बना लिया ममता बनर्जी को टेंशन देने वाला प्लान, शीतकालीन सत्र के बाद...
बंगाल में बढ़ने वाली है गर्मी, BJP ने बना लिया ममता बनर्जी को टेंशन देने वाला प्लान, शीतकालीन सत्र के बाद...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Advertisement

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'न तो मैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी....' पुतिन ने दिया ट्रंप को सीधा मैसेज, जानें क्या है ये
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
'ताजमहल आगरा की जनता के लिए श्राप', इन नियमों पर BJP सांसद ने उठाए सवाल
बंगाल में बढ़ने वाली है गर्मी, BJP ने बना लिया ममता बनर्जी को टेंशन देने वाला प्लान, शीतकालीन सत्र के बाद...
बंगाल में बढ़ने वाली है गर्मी, BJP ने बना लिया ममता बनर्जी को टेंशन देने वाला प्लान, शीतकालीन सत्र के बाद...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
Dhurandhar Advance Booking: बॉक्स ऑफिस पर आज टूटने वाले हैं कई रिकॉर्ड, रणवीर सिंह की फिल्म ने एडवांस बुकिंग से ही कर ली इतनी कमाई
बॉक्स ऑफिस पर आज टूटने वाले हैं कई रिकॉर्ड, रणवीर सिंह की फिल्म ने एडवांस बुकिंग से ही कर ली इतनी कमाई
सर्दियों के दौरान भारतीय घरों में कैसे करें तुलसी की सही देखभाल, जानें कैसे रखें हरा-भरा?
सर्दियों के दौरान भारतीय घरों में कैसे करें तुलसी की सही देखभाल, जानें कैसे रखें हरा-भरा?
उम्र बढ़ेगी, लेकिन असर नहीं दिखेगा, जानें सुबह की कौन सी 7 आदतें एजिंग करती हैं स्लो
उम्र बढ़ेगी, लेकिन असर नहीं दिखेगा, जानें सुबह की कौन सी 7 आदतें एजिंग करती हैं स्लो
Embed widget