Bihar Election: नवादा में सियासी भूचाल! महागठबंधन की बढ़ेंगी मुश्किलें, इस नेता ने किया खुलेआम बड़ा ऐलान
Bihar Election 2025: नवादा में चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. नेताओं की पलटी और बगावत से महागठबंधन की राह मुश्किल होती दिख रही है. डॉ. अनुज कुमार ने नवादा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया.

बिहार के नवादा में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. आने वाले कुछ ही महीनों में होने वाले चुनाव से पहले राजद (RJD) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि प्रमुख नेता पाला बदलने की तैयारी में हैं.
नेताओं का पाला बदलना और सियासी संकट
नवादा में लंबे समय से सत्ता पर काबिज रहे पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव और उनकी पत्नी, वर्तमान विधायक विभा देवी, एनडीए में शामिल होने की ओर अग्रसर हैं. इसके अलावा, JDU के पूर्व विधायक कौशल यादव के RJD में शामिल होने की खबर ने सियासी समीकरण और जटिल कर दिए हैं. दोनों नेताओं की बाहुबली छवि और नवादा में उनकी मजबूत पकड़ के चलते, इनके कदम महागठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते हैं.
कांग्रेस के भीतर बगावत
कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष डॉ. अनुज कुमार ने खुलेआम ऐलान किया है कि वे नवादा विधानसभा चुनाव में उतरेंगे, चाहे पार्टी टिकट दे या न दे. उनकी जनता के बीच साफ छवि और 10 साल की निष्ठा के बावजूद, टिकट न मिलने पर वे महागठबंधन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार हैं. यदि ऐसा हुआ, तो यह महागठबंधन के वोट बैंक को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.
बाहुबली नेताओं का दबदबा
नवादा में राजवल्लभ यादव और कौशल यादव जैसे बाहुबली नेताओं का दबदबा रहा है. दोनों ने पिछले 35 सालें से क्षेत्र की सत्ता पर कब्जा जमाए रखा है. इनके समर्थकों की पलटी और सियासी रणनीतियों ने नवादा में परिवर्तन की लहर को और तेज कर दिया है. जनता अब बदलाव की उम्मीद में है, लेकिन इन बाहुबलियों की रणनीति और प्रभाव के आगे महागठबंधन की राह आसान नहीं दिखती.
महागठबंधन के लिए चुनौतियां
नेताओं का टूटना: राजद और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के NDA में जाने की संभावना. आंतरिक कलह: डॉ. अनुज कुमार जैसे नेताओं की बगावत से महागठबंधन की एकता पर सवाल. बाहुबली प्रभाव: राजवल्लभ और कौशल यादव की सियासी ताकत से महागठबंधन को कड़ी टक्कर. जनता का मूड: नवादा में बदलाव की चाहत, जो नए समीकरण बना सकती है.
नवादा में नेताओं की पलटी और बाहुबली नेताओं की रणनीति ने महागठबंधन के लिए सियासी संकट खड़ा कर दिया है. तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को इस चुनौती से निपटने के लिए मजबूत रणनीति और एकजुटता की जरूरत होगी, वरना नवादा में महागठबंधन की राह और मुश्किल हो सकती है.
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