बिहार: दो चरण में चुनाव से क्या BJP को होगा नुकसान? पढ़िए प्रशांत किशोर ने क्या कुछ कहा
Bihar Elections 2025: प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में त्रिकोणीय मुकाबला है. लोग महागठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों के बारे में पूछ रहे हैं. उससे बढ़कर जन सुराज के उम्मीदवार का इंतजार कर रहे हैं.

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का सोमवार (06 अक्टूबर, 2025) को ऐलान हो गया. दो चरण में वोटिंग होगी. तारीखों की घोषणा के बाद जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ये चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं है बिहार के बच्चों के सुधार की शुरुआत की घोषणा है. क्योंकि इस बार बिहार जाति-धर्म, नाली-गली, मोदी-नीतीश, लालू-प्रशांत किशोर के लिए नहीं अपने-अपने बच्चों के लिए वोट करेगा. अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट करेगा.
प्रशांत किशोर ने कहा, "पहले बिहार में चार चरण… पांच चरण में चुनाव होता था. पिछली (2020) बार तीन चरण में हुआ था. कई चरण में चुनाव होते थे तो लोगों का मानना था कि उस समय मोदी जी का जलवा होता था… और भाजपा के लोग कई चरण में चुनाव इसलिए कराते थे ताकि ज्यादा से ज्यादा से मोदी जी आएं और प्रचार करें."
पीके ने आगे कहा, "मैंने भी उस दल के साथ काम किया है. हम लोग जानते हैं इसलिए आठ-आठ और नौ-नौ चरण में चुनाव कराए जाते थे कि ज्यादा से ज्यादा मोदी जी की सभाएं हो सकें. अब कहीं न कहीं बीजेपी ने भी मान लिया है कि मोदी जी कितनी भी सभाएं कर लें उससे परिणाम बदलने वाला नहीं है. इससे अच्छा है दो ही चरण में चुनाव कराकर खत्म करो. ना नीतीश जी प्रचार कर सकते हैं ना मोदी के आने से कुछ होने वाला है." अब सवाल है कि क्या कम प्रचार से बिहार चुनाव में बीजेपी को नुकसान होगा?
'लोगों ने तय कर लिया बदलाव करना है'
जन सुराज के सूत्रधार ने कहा कि यहां (बिहार में) त्रिकोणीय मुकाबला है. लोग महागठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों के बारे में पूछ रहे हैं. उससे बढ़कर लोग जन सुराज के उम्मीदवार का इंतजार कर रहे हैं. लोगों को चुनाव करना है. लोगों ने तय कर लिया है कि बदलाव करना है.
एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रशांत किशोर सारे चुनाव को चुनौतीपूर्ण मानते हैं. पढ़ाई, परीक्षा, चुनाव, युद्ध, इसको कम चुनौतीपूर्ण मानने वाले लोगों की हार होती है. जो भी सामने है हम लोग सीरियस लेते हैं. हमारा जो प्रयास था वो करीब-करीब अंतिम चरण में है. जीत-हार जन सुराज या प्रशांत किशोर की नहीं होनी है, जीत हार बिहार के लोगों की सोच की होनी है.
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Source: IOCL

























