IPL में फिर विराट कोहली से बेहतर कप्तान साबित हुए रोहित शर्मा
रविवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुंबई इंडियंस की टीम हार भी जाती तो उसकी सेहत पर कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला था.
रविवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुंबई इंडियंस की टीम हार भी जाती तो उसकी सेहत पर कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला था. प्लेऑफ में मुंबई इंडियंस की टीम पहले ही पहुंच चुकी थी. बावजूद इसके रविवार को कोलकाता को हराकर मुंबई इंडियंस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली. लीग मैचों के बाद प्वाइंट टेबल में टॉप टीम होने के कारण अब उसे प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए दो मौके मिलेंगे.
अगर मुंबई की टीम अगर तीसरे नंबर पर ‘फिनिश’ करती तो उसके लिए फाइनल की राह मुश्किल होती. कोलकाता के खिलाफ मैच जीतकर मुंबई ने कोलकाता के प्लेऑफ खेलने की उम्मीदों को भी खत्म कर दिया. अलबत्ता सनराइजर्स हैदराबाज की किस्मत जरूर खुल गई जो बेहतर रनरेट के आधार पर प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब हो गई. सनराइजर्स हैदराबाद, कोलकाता नाइट राइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब, इन तीनों टीमों के खाते में 12-12 अंक ही थे लेकिन प्लेऑफ में जगह मिली सनराइजर्स हैदराबाद को.
वापस लौटते हैं मुंबई की टीम पर. मुंबई की टीम का प्वाइंट टेबल में टॉप पर होना और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का ‘बॉटम’ पर होना एक बार फिर ये साबित कर गया कि आईपीएल में रोहित शर्मा विराट कोहली के मुकाबले कहीं बेहतर कप्तान हैं.
विराट की टीम से इस बार थीं काफी उम्मीदें
सीजन की शुरूआत में तमाम दिग्गजों ने विराट कोहली को इस सीजन की फेवरिट टीम कहा था. हर किसी का कहना था कि इस बार आरसीबी बेहतर संतुलित टीम दिख रही है. उनके इन दावों को तगड़ी चोट तब लगी जब पहले मैच में आरसीबी सिर्फ 70 रन पर ही सिमट गई. विराट कोहली की टीम की हार का सिलसिला यहीं से शुरू हुआ. ये सिलसिला अगले 6 मैचों तक चला. यानी 14 लीग मैचों में से पहले 6 मैचों में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम लगातार हारी.
ये हार इसलिए और ज्यादा नहीं पचती क्योंकि विश्व क्रिकेट के दो सबसे बड़े बल्लेबाज विराट कोहली और एबी डीविलियर्स रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खाते में हैं. इसके अलावा यजुवेंद्र चहल रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास थे. इस सीजन में तेज गेंदबाजी में सबका विश्वास हासिल करने वाले नवदीप सैनी भी थे. उमेश यादव जैसे अनुभवी गेंदबाज टीम में थे. फिर भी विराट कोहली बतौर कप्तान अलग अलग टीमों के खिलाड़ियों में वो एकजुटता और वो आत्मविश्वास पैदा नहीं कर पाए जो लीग के इतिहास में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खराब प्रदर्शन की कहानी को बदल पाता. विराट कोहली और एबी डीविलियर्स दोनों ने इस सीजन में साढ़े चार सौ रनों के आस-पास स्कोर किया लेकिन वो जीत में काम नहीं आया. प्लेइंग 11 को चुनने में विराट का दांव एक बार फिर गलत साबित हुआ. जो क्रिकेट को ‘कॉम्पलेक्स’ यानी जटिल बनाते गए और नतीजे हाथ से फिसलते रहे.
रोहित शर्मा का ‘कैप्टेन कूल’ अप्रोच काम आया
मुंबई इंडियंस के पास अच्छी टीम है. आप किसी भी कसौटी पर इस टीम का आंकलन करेंगे तो पाएंगे कि इस टीम के टॉप 3 में रहने की बात हर कोई कहता है. दूसरा इस टीम के पास रोहित शर्मा का जैसा कप्तान है. जिसके खाते में आईपीएल चैंपियन का खिताब तीन बार आया है. मुंबई और चेन्नई की टीमों ने ही इस खिताब को सबसे ज्यादा 3 बार जीता है. मुंबई ने तीनों बार ये खिताब रोहित शर्मा की कप्तानी में जीता है.
इसमें 2017 का वो खिताब भी शामिल है जब रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई ने फाइनल में सिर्फ 129 रन बनाकर भी जीत हासिल की थी. वो भी सिर्फ एक रन से. जो दिखाता है मैच की आखिरी गेंद पर मुंबई के खिलाड़ी किस संयम के साथ खेलते हैं. इस सीजन में भी रोहित शर्मा, क्विंटन डीकॉक, हार्दिक पांड्या, सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों ने बल्ले से लगातार योगदान दिया. गेंदबाजी में हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह और लसिथ मलिंगा लगातार कामयाबी दिलाते रहे. रोहित शर्मा ने किसी तरह का बड़ा प्रयोग नहीं किया.
इससे उलट विराट कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए पारी की शुरूआत करने की बड़ी जिम्मेदारी उठाई. वो ये जिम्मेदारी पहले उठा चुके हैं लेकिन विश्व कप में वो ऐसा नहीं करने वाले. इस लिहाज से उनका ये प्रयोग सवालों के घेरे में रहा. रोहित शर्मा ने क्रिकेट को आसान बनाकर मैच जीतने का सिलसिला जारी रखा. 2013, 2015 और 2017 के बाद वो फिर खिताब जीतने की कोशिश करेंगे.