'मेरी पोस्ट ने BCCI सचिव को...', जुर्माने के बाद भी मनोज तिवारी ने नहीं बदले तेवर; जानिए अब क्या कुछ कहा
Manoj Tiwari: रणजी ट्रॉफी की फीकी चमक से परेशान होकर बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने बीसीसीआई को इसे बंद करने की सलाह दी थी. हालांकि, बोर्ड को मनोज की यह सलाह अच्छी नहीं लगी.
Manoj Tiwari: हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले मनोज तिवारी ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करके सनसनी फैला दी थी. अपनी पोस्ट में मनोज ने बीसीसीआई को रणजी ट्रॉफी बंद करने की सलाह दे डाली थी. इसके बाद बोर्ड ने मनोज पर तगड़ा जुर्माना लगाया. हालांकि, इसके बावजूद बंगाल के इस पूर्व कप्तान के तेवर में कोई बदलाव नहीं आया है. एक बार फिर मनोज तिवारी ने बड़ा बयान दिया है.
बंगाल की तरफ से लगभग दो दशक तक खेलने वाले 38 साल के मनोज तिवारी ने भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी20 मैच खेले हैं. उन्होंने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि रणजी ट्रॉफी को खत्म कर देना चाहिए, लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी थी क्योंकि वह बीसीसीआई के सक्रिय क्रिकेटर थे. इस टिप्पणी के लिए उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.
केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने के संदर्भ में मनोज तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मैंने देखा कि युवा खिलाड़ियों की मानसिकता आईपीएल केंद्रित है, जो खिलाड़ी आईपीएल में नहीं खेलते हुए दुबई या अन्य स्थानों पर चले जाते हैं. इस तरह के चलन से प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी का महत्व कम हो रहा है."
उन्होंने आगे कहा, "अब अपने विचार व्यक्त करने पर आपको प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है. केवल एक पोस्ट के कारण मुझ पर ही मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया गया था."
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ईशान किशन के रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने के कारण आईपीएल नीलामी में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को न्यूनतम संख्या में रणजी ट्रॉफी मैच खेलना अनिवार्य कर दिया है. इसे लेकर तिवारी ने कहा, "मुझे लगता है कि अगर मैंने पोस्ट नहीं की होती तो शायद बीसीसीआई निर्देश जारी नहीं करता. मुझे लगता है कि मेरी पोस्ट ने बीसीसीआई सचिव को खिलाड़ियों पर दबाव बनाने के लिए प्रेरित किया."
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