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Nahargadh Fort:आत्मा के डर से थम गया था जयपुर के इस किले का काम, जानिए किसने रखी थी इसकी नींव
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जानिए नाहरगढ़ किले का रहस्य
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![Nahargadh Fort: राजस्थान (Rajasthan) में कई किले है जो अपनी सुंदर चित्रकारी और रोचक इतिहास के लिए जाने जाते हैं लेकिन आज हम आपको जयपुर के नाहरगढ़ (Nahargadh) किले के बारे में बताने जा रहे हैं जो भूतिया कहा जाता है. इस किले की नींव महाराजा सवाई जय सिंह ने रखी थी. जिसके बाद राजा राम सिंह और महाराजा माधव सिंह के कार्यकाल में इसका निर्माण किया गया. चलिए बताते हैं आपको इस किले से जुड़ी रोचक बातें......](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/24/e7c5fe0c48e497433a34ca0f511a37a342b0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Nahargadh Fort: राजस्थान (Rajasthan) में कई किले है जो अपनी सुंदर चित्रकारी और रोचक इतिहास के लिए जाने जाते हैं लेकिन आज हम आपको जयपुर के नाहरगढ़ (Nahargadh) किले के बारे में बताने जा रहे हैं जो भूतिया कहा जाता है. इस किले की नींव महाराजा सवाई जय सिंह ने रखी थी. जिसके बाद राजा राम सिंह और महाराजा माधव सिंह के कार्यकाल में इसका निर्माण किया गया. चलिए बताते हैं आपको इस किले से जुड़ी रोचक बातें......
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![किले के बारे में कहा जाता है कि जब यहां पर निर्माण कार्य शुरू हुआ. तभी से यहां किसी प्रेतात्मा का साया है. जो प्रेतात्मा किले में बनाई गई दीवारों को रात में गिरा देती थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/24/f91ea88a59eb836f9e379350b6664fba80ef1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
किले के बारे में कहा जाता है कि जब यहां पर निर्माण कार्य शुरू हुआ. तभी से यहां किसी प्रेतात्मा का साया है. जो प्रेतात्मा किले में बनाई गई दीवारों को रात में गिरा देती थी.
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![फिर इसकी जानकारी एक तांत्रिक को दी गई और उन्होंने अपने विद्या से ये जाना कि ये आत्मा एक वीर योद्धा नाहर सिंह की थी. जिनका युद्द में सिर कटने के बाद भी धड़ लड़ता रहा था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/24/66c3690e91fedf240fa5c4d132ef629f1e082.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फिर इसकी जानकारी एक तांत्रिक को दी गई और उन्होंने अपने विद्या से ये जाना कि ये आत्मा एक वीर योद्धा नाहर सिंह की थी. जिनका युद्द में सिर कटने के बाद भी धड़ लड़ता रहा था.
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![कहते हैं कि किले का निर्माण तभी पूरा हुआ जब उस आत्मा के आदेश पर पहले वहां मंदिर बनाया गया. इसके बाद किले का नाम भी सुदर्शनगढ से बदल कर नाहरगढ़ रख दिया गया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/24/b671052191d3e39c61cef6404043c68d6df0e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहते हैं कि किले का निर्माण तभी पूरा हुआ जब उस आत्मा के आदेश पर पहले वहां मंदिर बनाया गया. इसके बाद किले का नाम भी सुदर्शनगढ से बदल कर नाहरगढ़ रख दिया गया था.
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![स्थानीय लोगों आज भी इस किले को भूतिया किला कहता हैं. उनका कहना है कि इस किले में अचानक तेज हवाएं चलने लगती है और दरवाजे में लगे कांच टूटकर बिखर जाते हैं. फिर अगले ही पल यहां पर ठंडक महसूस होने लगती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/24/e7c5fe0c48e497433a34ca0f511a37a388b74.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
स्थानीय लोगों आज भी इस किले को भूतिया किला कहता हैं. उनका कहना है कि इस किले में अचानक तेज हवाएं चलने लगती है और दरवाजे में लगे कांच टूटकर बिखर जाते हैं. फिर अगले ही पल यहां पर ठंडक महसूस होने लगती है.
Published at : 24 May 2022 05:12 PM (IST)
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
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