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Basant Panchami 2024: भगवान महाकाल ने सरस्वती रूप में दिए दर्शन, मंदिर में बसंत उत्सव की धूम
Mahakaleshwar Mandir Ujjain: महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ाने की शुरुआत हो जाती है.
भगवान महाकाल ने दिए सरस्वती रूप में दर्शन
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बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर भगवान महाकालेश्वर ने माता सरस्वती के रूप में दर्शन दिए. भगवान के अद्भुत दर्शन को निहारने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं. बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में बसंत उत्सव की शुरुआत हो जाती है.
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इसी दिन से भगवान महाकाल को रंग और गुलाल लगना भी शुरू हो जाता है.महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बसंत पंचमी से महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने की शुरुआत हो जाती है. बुधवार को संध्याकालीन आरती में भगवान को गुलाल का तिलक लगाया जाएगा.
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आशीष पुजारी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में बसंत उत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान महाकाल ने भस्म आरती के दौरान माता सरस्वती के रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए.
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आशीष पुजारी ने बताया कि वर्ष भर में एक बार भगवान शिव शक्ति के रूप में दर्शन देते हैं. भगवान के स्वरूप के दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं. पंडित आशीष पुजारी के मुताबिक अब होली के बाद तक महाकालेश्वर मंदिर में अलग-अलग प्रकार से बसंत उत्सव मनाया जाएगा.
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वहीं महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी भूषण गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से बसंत में लोगों के जीवन में खुशहाली और रंगों के बाहर आती है, उसी तरीके से महाकालेश्वर मंदिर में भी यह उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
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पुजारी भूषण गुरु ने बताया कि प्राचीन काल से ही सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार से बसंत उत्सव की शुरुआत होती आई है. बसंत पंचमी के दौरान प्राकृतिक नजर भी बदल जाता है. जहां एक तरफ खेतों में हरियाली दिखाई देती है, वहीं दूसरी तरफ सरसों के फूल भी बसंत उत्सव के दौरान काफी महत्व रखते हैं.
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पुजारी भूषण गुरु ने बताया कि जिस प्रकार से माता सरस्वती को सरसों के फूल अर्पित कर उनकी आराधना की जाती है उसी तरीके से आज भस्म आरती में भगवान महाकाल को भी सरसों के फूल अर्पित किए गए.
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मुंबई से आई प्रतिभा सिंह ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में सरसों के फूल और भगवान का अद्भुत श्रंगार देखकर वह धन्य हो गई. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के दर्शन और बसंत उत्सव की उन्हें पहले जानकारी नहीं थी. यह पल उनके लिए काफी अद्भुत बन गए.
Published at : 14 Feb 2024 04:22 PM (IST)
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