अमेरिका ने चीन को दिया बड़ा झटका, सीसीपी अधिकारियों के वीजा पर लगाया प्रतिबंध
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि इन अधिकारियों के परिवार के सदस्य भी इसी तरह के प्रतिबंध का सामना कर सकते हैं. कोरोना वायरस महमारी के प्रकोप के बाद से अमेरिका-चीन संबंध खराब हो गए हैं. इस महामारी की शुरुआत चीन से हुई थी और अमेरिका इससे बुरी तरह से प्रभावित है.
वाशिंगटन: अमेरिका ने शुक्रवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. अमेरिका ने इन अधिकारियों पर हांगकांग की स्वायत्तता, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को कमतर करने लगाया है. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इस कदम की घोषणा करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश को लागू कर रहे हैं.
पोम्पिओ ने कहा, ''आज मैं सीसीपी के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंधों की घोषणा करता हूं. इनके बारे में माना गया है कि इन्होंने 1984 चीन-ब्रिटेन संयुक्त घोषणा पत्र में गारंटी प्रदान की गयी हांगकांग की उच्च स्तर की स्वायत्तता को दबाया या मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रता को कमतर किया या ऐसा करने में इनकी मिलीभगत है. ''
हांगकांग विवाद को लेकर हुई कार्रवाई
पोम्पिओ ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग की स्वतंत्रता को दबाने वाले चीन के अधिकारियों को सजा देने का वादा किया था. आज हम इस पर कार्रवाई कर रहे हैं. हम हांगकांग की स्वायत्तता और मानवाधिकारों को दबाने के लिए जिम्मेदारी चीनी अफसरों पर वीजा संबंधी प्रतिबंध लगा रहे हैं.”
President Trump promised to punish the CCP officials responsible for eviscerating Hong Kong’s freedoms. Today, we're taking action to do just that-we've announced visa restrictions on CCP officials responsible for undermining Hong Kong’s autonomy&human rights: US Secy of State pic.twitter.com/woDnkfldDL
— ANI (@ANI) June 26, 2020
उन्होंने कहा, “आज मेरा संदेश यह है कि हमें हमारे स्वतंत्र समाजों, हमारी समृद्धि और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के हित में चीन की चुनौती के खिलाफ अंटलाटिक के दोनों तरफ जागरुकता को जारी रखने के लिए मिलकर काम करना होगा. यह आसान नहीं होगा.”
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की मानवाधिकार उल्लंघनों पर चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई करने का मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की सरकार अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों और अपने नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करे. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) द्वारा जारी एक बयान में विशेषज्ञों ने यह बात कही है, जो मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रियाओं का हिस्सा भी हैं.
इन विशेषज्ञों ने कहा है कि यह चीन में मानवाधिकार की स्थिति पर नए सिरे से ध्यान देने का समय है. उन्होंने विशेष रूप से हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर), झिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और देश भर में मानवाधिकार रक्षकों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों पर रोक लगाने पर जोर दिया है.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (एचआरसी) से आग्रह किया है कि वे चीनी मानवाधिकार प्रथाओं की निगरानी के लिए सभी उपयुक्त उपाय करने के लिए तत्परता से कार्य करें.
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