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क्या 12 लाख बच्चों की जान ले लेंगे ट्रंप, ऐसा फैसला जिसकी दुनियाभर में हो रही निंदा

USA News: ट्रंप प्रशासन ने गरीब देशों में टीकाकरण कार्यक्रमों को समर्थन देने वाली संस्था Gavi की आर्थिक सहायता रोक दी है. उनके इस फैसले का विरोध भी हो रहा है.

USA News: अमेरिका ने गरीब देशों में वैक्सीन कार्यक्रमों का समर्थन करने वाली संस्था Gavi के लिए अपनी वित्तीय सहायता समाप्त करने का निर्णय लिया है. द टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 281 पन्नों की एक स्प्रेडशीट में ट्रंप प्रशासन द्वारा हजारों विदेशी सहायता कार्यक्रमों की योजनाओं को सूचीबद्ध किया गया है. यह फैसला उस वैश्विक प्रयास के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने पिछले 25 वर्षों में लाखों बच्चों की जान बचाई है.

ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय के तहत मलेरिया से निपटने के लिए चलाए जा रहे कई प्रमुख कार्यक्रमों में भी कटौती की जाएगी. हालांकि, एचआईवी और टीबी के इलाज से जुड़े कुछ अनुदानों को जारी रखने की योजना बनाई गई है. अमेरिकी एजेंसी यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने हाल ही में कांग्रेस को 281 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन विदेशी सहायता परियोजनाओं की सूची दी गई है जिन्हें जारी रखा जाएगा और जिन्हें बंद किया जाएगा.

75 मिलियन बच्चों को नहीं मिलेगी दवा

इन फाइलों से स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका अब वैश्विक स्वास्थ्य और मानवीय सहायता में अपनी भूमिका सीमित कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने 5,341 विदेशी सहायता परियोजनाओं को बंद करने का फैसला किया है, जबकि केवल 898 परियोजनाओं को जारी रखा जाएगा. इस फैसले का सबसे बड़ा असर Gavi पर पड़ेगा, जो दुनिया भर के गरीब देशों को आवश्यक टीकों की आपूर्ति करता है.

संगठन के अनुमान के अनुसार, अमेरिकी सहायता बंद होने से अगले पांच वर्षों में 75 मिलियन बच्चों को नियमित टीकाकरण नहीं मिल सकेगा, जिससे 1.2 मिलियन बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है. Gavi के कार्यकारी अधिकारी डॉ. सनिया निष्ठार ने इस फैसले को न केवल विकासशील देशों बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा बताया है.

हो रहा है फैसले का विरोध

सीयरा लियोन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ऑस्टिन डेम्बी ने इस फैसले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि इससे बच्चों की जान खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने कहा कि Gavi की सहायता के बिना उनका देश एमपॉक्स जैसी बीमारियों के लिए आवश्यक टीकों की आपूर्ति करने में असमर्थ होगा. डॉ. डेम्बी ने अमेरिकी प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि हर सहायता अनुदान की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की गई थी, और जहां यह प्रशासन की नीतियों और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नहीं पाया गया, उसे समाप्त कर दिया गया. हालांकि, कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों की फंडिंग अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्वीकृत की जाती है, जिससे यह कानूनी रूप से स्पष्ट नहीं है कि प्रशासन को उन्हें रोकने का अधिकार है या नहीं. इस फैसले के खिलाफ अब कई कानूनी चुनौतियां उठाई जा रही हैं.

Gavi पर वित्तीय संकट का खतरा

अब तक 19 मिलियन बच्चों की जान बचाने वाला Gavi, अमेरिका के इस निर्णय के कारण गंभीर वित्तीय संकट में पड़ सकता है. अमेरिका इस संगठन के कुल बजट का 13% योगदान देता था और COVID-19 महामारी के दौरान इसका सबसे बड़ा दाता बन गया था. दूसरी ओर, यूरोपीय देशों और जापान जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर पहले से ही आर्थिक दबाव है, जिससे वे भी अपनी विदेशी सहायता में कटौती कर रहे हैं. ऐसे में, Gavi को अपने अभियान जारी रखने के लिए नए वित्तीय स्रोतों की तलाश करनी होगी.

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