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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना न्यूज़ीलैंड की प्रोफेसर को पड़ा भारी, ट्विटर ने किया एकाउंट बंद
कैंटरबरी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऐन मैरी ब्रैडी चीन की विदेश नीति की विशेषज्ञ और कम्युनिस्ट पार्टी की प्रखर आलोचक हैं.
![चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना न्यूज़ीलैंड की प्रोफेसर को पड़ा भारी, ट्विटर ने किया एकाउंट बंद Social media platform Twitter restricts account of China expert for tweets on Pesident Xi Jinping restores access later चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना न्यूज़ीलैंड की प्रोफेसर को पड़ा भारी, ट्विटर ने किया एकाउंट बंद](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/06/2c85b16a0d826a59e817a2c693483251_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वेलिंगटन (न्यूजीलैंड). न्यूज़ीलैंड की एक प्रोफेसर का कहना है कि उनके द्वारा चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग का मजाक उड़ाने पर ट्विटर ने अस्थायी रूप से उनका खाता बंद कर दिया. कैंटरबरी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऐन मैरी ब्रैडी चीन की विदेश नीति की विशेषज्ञ और कम्युनिस्ट पार्टी की प्रखर आलोचक हैं. गत सप्ताह उन्होंने पार्टी की सौंवी वर्षगांठ के महोत्सव का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया था.
उन्होंने कहा कि ट्विटर ने उनके दो ट्वीट को “अनुपलब्ध” कर दिया और सप्ताहांत में उनके खाते पर अस्थायी रोक लगा दी गई, इसके बाद सोमवार को खाता पुनः चालू कर दिया गया. ट्विटर की ओर से इस कार्रवाई पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.
Alternative headline: "Xi: its my Party and I'll cry if I want to" #CPC100Years https://t.co/eVn267Cpt2
— Professor Anne-Marie Brady (@Anne_MarieBrady) July 1, 2021
ब्रिटेन में द टाइम्स अखबार में स्तंभकार एडवर्ड लुकास ने लिखा कि ऐसा कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंटों के ऑनलाइन शिकायत अभियान के चलते किया गया होगा. लुकास ने लिखा, “मैंने जब ट्विटर पर आक्रोश व्यक्त किया और ढेर सारी शिकायतें दर्ज कराई तब उनका खाता पुनः चालू हुआ.”
Seems like @Twitter may have briefly forgotten they don't work for Xi Jinping #CPC100Years pic.twitter.com/2qtKsThoon
— Professor Anne-Marie Brady (@Anne_MarieBrady) July 4, 2021
ब्रैडी ने ट्वीट कर लुकास को धन्यवाद दिया और कहा कि ट्विटर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. ब्रैडी ने लिखा, “चीनी पाबंदियों के खिलाफ बोलने वाले कम प्रभावशाली लोगों की बात सुनी जाने की संभावना कम होगी. ऐसा लगता है कि ट्विटर यह भूल गया कि वह शी चिनपिंग के लिए काम नहीं करता.”
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