पुतिन के सामने PM मोदी ने छेड़ा यूक्रेन युद्ध का जिक्र, अमेरिका हुआ खुश
PM Modi on Ukraine War: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से शुक्रवार को बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है.

PM Modi on Russia-Ukraine War: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन (Antony Blinken) ने शुक्रवार को पीएम मोदी की यूक्रेन जंग को लेकर टिप्पणी का स्वागत किया है. विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि भारत और चीन के नेताओं द्वारा यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त करना यह दिखाता है कि विश्व इस आक्रमण के असर को लेकर फिक्रमंद है. एससीओ सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से शुक्रवार को बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है.’’ फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच पहली बार आमने-सामने मुलाकात हुई.
यूक्रेन युद्ध पर जिक्र से अमेरिका खुश
समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने यूक्रेन में अस्थिरता को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए ‘‘लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति’’ के महत्व को रेखांकित किया. ब्लिंकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को कहा कि आप चीन, भारत से जो सुन रहे हैं, वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का न केवल यूक्रेन के लोगों बल्कि पूरी धरती के लोगों और देशों पर असर को लेकर विश्व की चिंता दिखाता है.
यूक्रेन युद्ध से बढ़ी चुनौतियां-ब्लिंकन
ब्लिंकन ने आगे कहा कि यह केवल यूक्रेन और उसके लोगों पर आक्रमण नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों पर आक्रमण है, जो शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री यूक्रेन में युद्ध को लेकर चीन और भारत के नेताओं द्वारा सीधे पुतिन के समक्ष चिंता व्यक्त करने के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हमने हाल के महीनों में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने पर काफी ध्यान केंद्रित किया और काफी वक्त लगाया है. ये चुनौतियां रूस के आक्रमण से बहुत ज्यादा बढ़ गयी हैं.
यूक्रेन युद्ध पूरी दुनिया के खिलाफ-ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम पहले ही कोविड से ग्रस्त रहे, हमने जलवायु परिवर्तन की मार झेली, जिसका खाद्य सुरक्षा पर गहरा असर पड़ा है. इस युद्ध के कारण अब हमारे 20 करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. दुनियाभर के नेता यह महसूस कर रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि आप जो देख रहे हैं वह इस बात की अभिव्यक्ति है यह पूरी धरती के लोगों के हितों के खिलाफ हमला है और मुझे लगता है कि यह रूस पर युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ाता है.
पीएम मोदी की तारीफ
इस बीच, अमेरिका की मुख्यधारा की मीडिया ने भी शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन को यह कहने के लिए तारीफ की कि यह यूक्रेन में युद्ध का वक्त नहीं है. ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने शीर्षक दिया, ‘‘मोदी ने यूक्रेन में युद्ध के लिए पुतिन को फटकार लगाई.’’ दैनिक समाचार पत्र ने लिखा, ‘‘मोदी ने पुतिन को आश्चर्यजनक रूप से सार्वजनिक फटकार लगाते हुए कहा, ‘आधुनिक दौर युद्ध का युग नहीं है और मैंने आपसे इस बारे में फोन पर बात की है.’’ इसमें कहा गया है कि इस निंदा के कारण 69 वर्षीय रूसी नेता सभी पक्षों की ओर से अत्यधिक दबाव में आ गए.
पुतिन ने मोदी से क्या कहा?
पुतिन ने मोदी से कहा कि मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं. मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं. हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, विरोधी पक्ष यूक्रेन के नेतृत्व ने वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वह सैन्य माध्यमों से यानी ‘युद्धक्षेत्र में’ अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है. फिर भी, वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे. यह ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के वेबपेज की मुख्य खबर थी.
अमेरिकी मीडिया ने क्या कहा?
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शीर्षक दिया, ‘‘भारत के नेता ने पुतिन को बताया कि यह युद्ध का दौर नहीं है.’’ उसने लिखा, ‘‘बैठक का लहजा मित्रवत था और दोनों नेताओं ने अपने पुराने साझा इतिहास का जिक्र किया. पीएम मोदी (PM Modi) के टिप्पणी करने से पहले पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को लेकर भारत की चिंताओं को समझते हैं’’
समाचार पत्र ने कहा, ‘‘मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यूक्रेन के हमले के बाद पुतिन (Vladimir Putin) के साथ पहली आमने-सामने की बैठक के एक दिन बाद टिप्पणियां कीं. जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति की तुलना में अधिक शांत लहजा अपनाया और अपने सार्वजनिक बयानों में यूक्रेन के जिक्र से बचने की कोशिश की.
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Source: IOCL






















