Space News: कितना बूढ़ा हो चुका है हमारा चंद्रमा, क्या है इसकी असली उम्र? 50 साल पहले चांद से आई 'धूल' में मिला जवाब
Moon News: चंद्रमा रात के समय चमकता हुआ नजर आता है. चांद को लेकर हजारों कहानियां और कविताएं लिखी गई हैं. अब चांद को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है.

Moon Age: इस विशालकाय अंतरिक्ष में हमारी पृथ्वी का जो करीबी साथी है, वो चंद्रमा है. पृथ्वी सूरज के चारों ओर चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के. धरती से चांद को हर रोज देखा जा सकता है. रात के समय में तो चंद्रमा और भी ज्यादा खूबसूरत और चमकदार नजर आता है. चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक सैटेलाइट है, जो उसका चक्कर लगा रहा है. चांद को लेकर कई रहस्य हैं, जिन्हें जानने की जरूरत है. दुनियाभर के वैज्ञानिक रहस्यों को उजागर कर भी रहे हैं.
सालों से चंद्रमा ने हजारों कलाकारों और लेखकों को प्रेरित किया है, जिन्होंने इसे लेकर न जाने कितनी कहानियां लिखी हैं. चांद पर कितने ही गानें लिखे गए हैं. हालांकि, साइंटिफिक कम्युनिटी में सबसे ज्यादा बहस इस बात को लेकर होती आई है कि चंद्रमा आखिर कितना पुराना है. चांद की उम्र कितनी है और ये किस तरह बना. इस सवाल का सही जवाब सालों से ढूंढ़ा जा रहा था और अब इसका पता लग चुका है. आइए जानते हैं कि आखिर हमारा चंद्रमा कितना पुराना है.
चंद्रमा की उम्र कितनी है?
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने 1972 में चांद पर अपोलो 17 मिशन भेजा. इस मिशन के तहत दिसंबर के महीने में एस्ट्रोनोट्स यूजीन सेर्नन और हैरिसन श्मिट चांद की सतह पर लैंड हुए. उन्होंने वहां पर कई तरह से साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट किए. इस दौरान वह चांद की धूल और मिट्टी को सैंपल के तौर पर पृथ्वी पर लेकर आए. मगर वह इस बात से अनजान थे कि जिस मिट्टी और धूल को लेकर वह आए हैं, वह चांद को लेकर सबसे बड़े सवाल का जवाब देने वाला है.
दरअसल, चांद की इस मिट्टी और धूल के जरिए अब हमें उसकी असल उम्र के बारे में पता चला है. 50 साल से ज्यादा वक्त पहले इकट्ठा किए गए सैंपल के जरिए वैज्ञानिकों ने चांद की उम्र बताई है. वैज्ञानिकों ने चांद की धूल में क्रिस्टल्स का पता लगाया है, जो बताता है कि चंद्रमा 4.46 अरब साल पुराना है. पहले माना जाता था कि वह 4.42 अरब साल का है. लेकिन चांद की धूल में जिरकॉन क्रिस्टल्स के जरिए चंद्रमा की सही उम्र का पता लगा लिया गया है.
कैसे बना हमारा चंद्रमा?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी से मंगल ग्रह के आकार के एक ऑब्जेक्ट की टक्कर हुई, जिसकी वजह से पृथ्वी के कई सारे टुकड़े अंतरिक्ष में बिखर गए. अंतरिक्ष में बिगड़े हुए टुकड़ों ने आगे चलकर पृथ्वी का चक्कर लगाना शुरू कर दिया. इन्हीं टुकड़ों में से एक टुकड़ा चांद था, जिसने वक्त के साथ आकार लेना शुरू कर दिया.
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Source: IOCL





















