'जानलेवा इस्लामी शासन के खिलाफ लड़ाई', हमले के बाद PM नेतन्याहू ने ईरान की जनता से क्या-क्या कहा?
इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान पर बड़ा हमला किया है, जिसमें न्यूक्लियर ठिकानों और कमांडर आवासों को निशाना बनाया गया.

Israel Attack Iran: इजरायल ने 13 जून 2025 को ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया. इस हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों, बैलिस्टिक मिसाइल स्थलों और शीर्ष सैन्य कमांडरों के आवासीय परिसरों को निशाना बनाया गया. यह कार्रवाई इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु खतरे को समाप्त करना बताया गया है.
इजरायल ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन के पहले 24 घंटों में उन्होंने ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया. वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों को खत्म किया. सबसे महत्वपूर्ण यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं को ध्वस्त किया और बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया. इजरायल ने साफ कह दिया है कि उनका मसकद सिर्फ ईरान को न्यूक्लियर हथियार बनाने से रोकने का है. इस वजह से वह ईरान पर हमला कर रहे हैं.
Prime Minister Benjamin Netanyahu:
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) June 13, 2025
To the proud people of Iran,
We are in the midst of one of the greatest military operations in history, Operation Rising Lion.
The Islamic regime, which has oppressed you for almost 50 years threatens to destroy our country, the State of Israel. pic.twitter.com/F67bxcDitL
नेतन्याहू का ईरानी जनता से ऐतिहासिक संबोधन
इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीधे ईरानी नागरिकों को संबोधित किया, जो अपने आप में एक असाधारण कूटनीतिक और भावनात्मक प्रयास है. अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी लड़ाई ईरानी लोगों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस जानलेवा इस्लामी शासन के खिलाफ है जो आप पर अत्याचार करता है, और आपको गरीबी की ओर धकेलता है. नेतन्याहू ने ईरान और इजरायल के ऐतिहासिक संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि दोनों राष्ट्र साइरस महान के समय से दोस्त रहे हैं. उन्होंने ईरान के नागरिकों से स्वतंत्रता की लड़ाई में भाग लेने की अपील की और यह कहा कि यह आपके लिए खड़े होने और अपनी आवाज़ बुलंद करने का अवसर है.
ऑपरेशन का उद्देश्य: सुरक्षा या सत्ता परिवर्तन?
हालांकि इजरायल की ओर से सार्वजनिक रूप से यह कहा गया है कि यह ऑपरेशन केवल परमाणु और मिसाइल खतरे को समाप्त करने के लिए है, लेकिन नेतन्याहू के भाषण के अंदाज़ से यह भी साफ झलकता है कि वे ईरानी शासन में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं.
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Source: IOCL























