'हमें इजरायल से कौन बचाएगा?' ईरान के राष्ट्रपति बोले- सुरक्षा की गारंटी मिले तो हम न्यूक्लियर प्रोग्राम...
Iran President Masoud Pezeshkian: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि अगर इजरायल परमाणु ठिकानों पर हमले की गारंटी नहीं देता तो तेहरान अपना संवर्धन कार्यक्रम घटाने पर राजी नहीं होगा.

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने गुरुवार (25 सितंबर) को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमें इस बात की गारंटी कौन देगा कि इजरायल हमारे परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं करेगा? जब तक ऐसी गारंटी नहीं मिलती, ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन स्तर को कम करने पर विचार नहीं करेगा. हालांकि उन्होंने यह भी दोहराया कि ईरान कभी परमाणु बम नहीं बनाएगा.
यह बयान ऐसे समय आया है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में ईरान और इजरायल के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हुए. ब्रिटेन के UN दूत ने ऐलान किया कि 26 सितंबर से ईरान पर UN प्रतिबंध दोबारा लागू हो जाएंगे. रूस और चीन ने इसे टालने की कोशिश की थी, लेकिन प्रस्ताव पास नहीं हो सका. तेहरान ने चेतावनी दी कि इसका जिम्मा पश्चिमी देशों को उठाना होगा. पेजेश्कियान ने कहा कि इन प्रतिबंधों के बावजूद ईरान NPT (परमाणु अप्रसार संधि) से बाहर नहीं निकलेगा.
इजरायल का विरोध
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UNGA में कहा कि दुनिया को ईरान को परमाणु और सैन्य कार्यक्रम दोबारा खड़ा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर ईरान पर दबाव बढ़ाने का संकेत दिया. जून 2025 में इजरायल और अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले भी किए थे.
ईरान का तर्क NPT का अधिकार
ईरान का कहना है कि उसे यूरेनियम संवर्धन का उतना ही अधिकार है जितना NPT के सभी सदस्य देशों को है. शर्त यह है कि तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ शांतिपूर्ण ऊर्जा उत्पादन के लिए हो. वहीं, इजरायल NPT का सदस्य ही नहीं है और माना जाता है कि वह मिडिल ईस्ट का अकेला देश है जिसके पास परमाणु हथियार हैं.
बढ़ता तनाव और वैश्विक असर
ईरान की अर्थव्यवस्था पहले से ही अमेरिकी और पश्चिमी प्रतिबंधों से जूझ रही है. अगर नए UN प्रतिबंध सख्ती से लागू होते हैं, तो तेहरान और अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है. दूसरी ओर, इजरायल का कड़ा विरोध और अमेरिका का समर्थन इस मुद्दे को मध्य-पूर्व में बड़े टकराव की ओर धकेल सकता है.
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Source: IOCL





















