EXCLUSIVE: खंडहर में बदला दक्षिणी बेरूत, इजरायल ड्रोन से उजाड़ रहा हिजबुल्लाह का गढ़, जगविंदर पटियाल की पूरी ग्राउंड रिपोर्ट
Iran Israel War: इजरायल का लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला लगातार जारी है. वह उसके हर अड्डे पर चुन-चुनकर अटैक कर रहा है. वह ड्रोन से लेकर मिसाइल अटैक तक कर रहा है.
Iran Israel Conflict: इजरायल और ईरान के बीच युद्ध का खतरा लगातार बढ़ रहा है. मिडिल ईस्ट ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ये जानना चाह रही है कि ईरान और इजरायल का युद्ध होगा या नहीं होगा? अगर होगा तो कौन किस पाले में खड़ा होगा? इजरायल और ईरान में से कौन किस पर भारी पड़ेगा?
इन सारे सवालों के जवाब हम आपको सीधे युद्ध भूमि लेबनान से दे रहे हैं, जहां इज़रायल और हिज्बुल्लाह की जंग के बीच abp न्यूज के संवाददाता जगविंदर पटियाल मौजूद हैं. वह हर हमले की खबर, तबाही का हर मंजर आप तक सबसे पहले पहुंचा रहे हैं. पटियाल ने बताया कि कैसे वहां इजरायल तबाही मचा रहा है.
आसमान पर हर पल मंडरा रहा खतरा
जगविंदर पटियाल ने बताया कि जहां वह रुके हुए हैं, वहां हमेशा आसमान में इजरायल का ड्रोन घूमता नजर आता है. कहीं से भी कोई जानकारी मिलने पर मिसाइल या बम से हमला किया जा रहा है. कई इमारतें जममींदोज हो चुकी हैं. धीरे-धीरे दक्षिणी बेरूत खंडहर में बदलता नजर आ रहा है. इजरायल यहां सैकड़ों ड्रोन हमले कर चुका है.
हिजबुल्लाह को पूरी तरह से खत्म करने का टारगेट
इजरायल का लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला लगातार जारी है. वह उसके हर अड्डे पर चुन-चुनकर अटैक कर रहा है. वह ड्रोन से लेकर मिसाइल अटैक तक कर रहा है. हिजबुल्लाह चीफ, नए चीफ और कई बड़े आतंकियों की मौत के बाद भी उसका हमला नहीं रुक रहा है. इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म करने के बाद ही दम लेगा.
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ईरान के साथ युद्ध होने पर कौन पड़ेगा भारी
वैसे तो सेना, फ़ाइटर जेट और टैंक तक में, सब में ईरान इजरायल पर भारी पड़ता दिखता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. एयर डिफेंस सिस्टम दोनों के पास हैं, लेकिन इजरायल का रक्षा बजट ईरान से पांच गुना अधिक है. भले ही सैनिक के मामले में ईरान आगे है, लेकिन रिज़र्व फोर्स यानी आपात स्थिति में लड़ने वाले योद्धा इज़रायल से पास ईरान से कहीं ज़्यादा है. इजरायल की सबसे बड़ी ताकत संकट आने पर हर इज़रायली का सामने आ जाता है.
इजरायल पहले भी कई देशों पर पड़ चुका है भारी
अभी इजरायल के सामने तीन देशों (ईरान, लेबनान और फिलिस्तीन) की चुनौती है, लेकिन वह पांच-पांच अरब मुल्कों को एक साथ अकेले और कई बार हरा चुका है. 14 मई 1948 को इजरायल बना, 15 मई को अरब संयुक्त सेना ने हमला कर दिया. इनमें जॉर्डन, लेबनान, सीरिया, इराक और इजिप्ट शामिल थे. एक साल तक लड़ाई चली और अंत में पांचों बुरी तरह हारे. 1956 में स्वेज नहर को लेकर युद्ध छिड़ा. मिस्र के पीछे अरब सेनाएं खड़ी हो गईं. इजरायल ने 5 दिन में गजा, राफा, अल-अरीश पर कब्जा कर लिया. 1967 के युद्ध में इजरायल ने इजिप्ट, जॉर्डन और सीरिया को हराया. 6 दिन में सिनाई द्वीप, गजापट्टी, वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम, गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया.
1973 में 20 दिन का योम किप्पुर का युद्ध हुआ. इजिप्ट और सीरिया ने सिनाई द्वीप और गोलन हाइट्स में हमला किया. इज़रायल फिर भारी पड़ा. बाद में शांति समझौता हो गया. इसके बाद 1982 के लेबनान युद्ध से इजरायल के खिलाफ़ PLO और हिज्बुल्लाह जैसे आतंकी मोर्चे भी खुल गए. इजरायल हर बार इनपर भारी पड़ा.
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