ईरान के इस कदम से अमेरिका-इजरायल को सताने लगा परमाणु हमले का डर, अब क्या करेंगे ट्रंप-नेतन्याहू?
Iran-Israel War: ईरान का कहना है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम, उसकी परमाणु गतिविधियों की तरह, नागरिक उद्देश्यों के लिए है. वहीं अमेरिका ने कहा कि ईरान इसका इस्तेमाल परमाणु मिसाइल बनाने में कर सकता है.

Iran-Israel War: मीडिल ईस्ट मिली इजरायल से जारी तनाव के बीच ईरान ने अंतरिक्ष में अपना सबसे भारी अंतरिक्ष पेलोड सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इस पेलोड का वजह 300 किलोग्राम बताया जा रहा है, जिसमें टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट और समन-1 स्पेस टग शामिल है. ईरान के इस कदम ने अमेरिका और इजारयल की टेंशन बढ़ी दी है.
अमेरिकी-यूरोपीय देशों की बढ़ाई टेंशन
ईरान ने इस पेलोड को ऐसे समय में लॉन्च किया है जब अमेरिका और यूरोपीय देशों ने दावा किया है कि ईरान रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें सौंप रहा है, जिनका इस्तेमाल संभवतः कुछ हफ़्तों के भीतर यूक्रेन के साथ युद्ध में किया जाएगा. हालांकि ईरान ने इससे इनकार किया है. ईरान का कहना है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम, उसकी परमाणु गतिविधियों की तरह, नागरिक उद्देश्यों के लिए है. अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि ईरान ने जो सैटेलाइट लॉन्च किया है वो सफल हुआ या नहीं.
इजरायल से से तनातनी के बीच लॉन्च हुआ सैटेलाइट
अमेरिका ने कई बार ये कहा है कि ईरान उन लॉन्च को परमाणु इस्तेमाल कर सकता है. इस समय अमेरिका और इजरायल से ईरान की तनातनी जोरों पर है, इस वजह से भी लॉन्च की टाइमिंग को खास माना जा रहा है. जनवरी 2024 में ईरान ने कहा था कि उसने सिमोर्ग रॉकेट का उपयोग करके पहली बार एक साथ तीन सैटेलाइट लॉन्च किया था.
रूस ने नवंबर 2024 में 55 सैटेलाइट लॉन्च किए थे, जिसमें दो सैटेलाइट कोसवार और होदहोद ईरान ने बनाए थे. यह दोनों देशों के बीच गहरे होते राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंधों को दर्शाता है. अमेरिका ने ईरान को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़ी किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं करने की चेतावनी दी थी, इसके बावजूद ईरान ने यह सैटेलाइट लॉन्च किया है.
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