एक्सप्लोरर

पाकिस्तान का वो बेशकीमती शहर जिसे भारत को बेचना चाहते थे ओमान के सुल्तान

ओमान के सुल्तान ने 1956 में ग्वादर को बेचने का ऑफर पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने रखा, लेकिन नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया. साल 1958 में पाकिस्तान ने 30 लाख पाउंड्स में इसे खरीद लिया.

बलूचिस्तान प्रांत की पोर्ट सिटी ग्वादर आज के समय में पाकिस्तान का बेशकीमती शहर है. चीन और पाकिस्तान के सीपीईसी प्रोजेक्ट का यह अहम हिस्सा है. अगर 1956 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ओमान सुल्तान का ऑफर स्वीकार कर लिया होता तो यह शहर आज भारत का हिस्सा होता. कई एक्सपर्ट्स पंडित जवाहर लाल नेहरू के इस फैसले को कच्चातिवु द्वीप की तरह बड़ी गलती मानते हैं.

ग्वादर पर 200 साल तक ओमान का राज रहा, लेकिन 1956 में ओमान सुल्तान इसे भारत को बेचना चाहते थे और उन्होंने भारत सरकार के सामने इसका प्रस्ताव रखा. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने विभिन्न कारणों को ध्यान में रखते हुए इसे स्वीकार नहीं किया और 1958 में ओमान सुल्तान ने पाकिस्तान को यह शहर बेच दिया. रिटायर्ड गुरमीत कंवल ने 2016 में एक ओपिनियन पीस 'द हिस्टोरिक ब्लंडर ऑफ इंडिया नो वन टॉक्स अबाउट' में इस वाकिए का जिक्र करते हुए इसे पंडित जवाहर लाल नेहरू की बड़ी गलती बताया है. उन्होंने कहा कि ओमान सुल्तान का यह बेश्कीमती उपहार स्वीकार न करना पूर्व प्रधानमंत्री की बड़ी भूल थी.

ओमान के सुल्तान भारत को क्यों बेचना चाहते थे ग्वादर?
नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य प्रमित पाल चौधरी ने बताया कि भारत और ओमान के बीच अच्छे रिश्ते थे इसलिए आजादी के बाद ग्वादर की देख-रेख भारत प्रशासन करता था. भारत के साथ अच्छे रिश्ते होने की वजह से साल 1956 में ओमान ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के सामने ग्वादर बेचने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया. दो साल बाद 1958 में ओमान ने 30 लाख पाउंडस में इसे पाकिस्तान को दे दिया. 

एक इतिहासकार अजहर अहमद ने 'ग्वादर: ए हिस्टोरिक कलाइडोस्कोप' में बताया कि ब्रिटिश सरकार के कुछ दस्तावेजों में इस बात का भी जिक्र है कि भार के जैन समुदाय को भी ग्वादर को बेचने का प्रस्ताव दिया गया था. जैन काफी धनी समुदाय था और ओमान सुल्तान का ऐसा मानना था कि उनसे अच्छी राशि मिल सकती है. जब पाकिस्तान को इस बात की भनक लगी तो उसने ग्वादर को खरीदने की कोशिशें तेज कर दी और इसमें कामयाब हुआ.

नेहरू ने क्यों नहीं स्वीकार किया ग्वादर का ऑफर
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ओमान सुल्तान की पेशकश को क्यों स्वीकार नहीं किया, इसके लिए उस समय की परिस्थितियां भी जिम्मेदार थीं. प्रमित पाल चौधरी ने बताया कि तत्कालीन विदेश सचिव सबीमल दत्त और इंडियन इंटेलीजेंस ब्यूरो चीफ बीएन मलिक ने जवाहर लाल नेहरू को सुल्तान का ऑफर स्वीकार न करने का सुझाव दिया था. उस समय भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे थे ऐसे में वो लोग नहीं चाहते थे कि ऐसा कोई भी कदम उठाया जाए, रिश्तों को और खराब कर दे. उनका ऐसा मानना था कि अगर ऑफर स्वीकार किया गया तो यह बिना किसी वजह के पाकिस्तान को उकसाने जैसा होगा. नेहरू पाकिस्तान के साथ रिश्तों को बेहतर करने की तरफ जोर दे रहे थे. साथ ही एक तर्क यह भी था कि ग्वादर को अपने कब्जे में लेने से भारत को वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिस तरह पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से में देखा गया और बाद में अलग होकर वह बांग्लादेश बना. 

क्या है ग्वादर का इतिहास, कैसे शुरू हुआ ओमान का राज?
ग्वादर का इतिहास उठाकर देखा जाए तो इस शहर पर साल 1783 में ओमान का राज शुरू हुआ. प्रमित पाल ने बताया कि खान ऑफ कलात मीर नूरी नासीर खान बलोच ने मसकट के प्रिंस सुल्तान बिन अहमद को ग्वादर गिफ्ट में दिया था. दोनों सुल्तानों के बीच एक आपसी समझ बनी कि अगर प्रिंस ओमान की गद्दी पर बैठते हैं तो ग्वादर को खान ऑफ कलात को वापस सौंप देंगे.

सुल्तान बिन अहमद अरब पर आक्रमण के लिए ग्वादर बेस का इस्तेमाल करते थे. 1792 में उन्हें मस्कट की गद्दी मिल गई, लेकिन उन्होंने ग्वादर को खान ऑर कलात को वापस नहीं लौटाया, जिस वजह से दोंनों के बीच विवाद शुरू हो गया. उधर, भारत पर राज कर रही ब्रिटिश हुकूमत भी ग्वादर पर कब्जा चाहती थी. मार्टिन बुडवर्ड ने अपने आर्टिकल 'ग्वादर: द सुल्तान पजेशन' में बताया कि 1895 और 1904 में खान ऑफ कलात और ब्रिटिश सरकार ने ग्वादर को लेकर ओमान सुल्तान के सामने प्रस्ताव रखा, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया जा सका. 1763 के बाद से ग्वादर ब्रिटिश सरकार के अधीन तो था, लेकिन सीधे तौर पर उसका यहां शासन नहीं था.  खान ऑफ कलात बार-बार ग्वादर को वापस मांग रहे थे और ओमान सुल्तान विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य और वित्तीय मदद लेने के लिए ग्वादर को अंग्रेजों को हैंडओवर करने की बात कर रहे थे. 

जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो उन रियासतों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ, जो ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन तो थीं, लेकिन अंग्रेजों का सीधे तौर पर इन पर कोई शासन नहीं था. बलूचिस्तान की कलात, खारान, लॉस बुला और मकरान ये रियासतें थीं, जो अपने आंतरिक फैसले खुद लेते थीं और कुछ संधियों के तहत ब्रिटिश सम्राज्य का हिस्सा थीं. बंटवारे के समय इन्हें अधिकार दिया गया कि ये अपने मन से भारत और पाकिस्तान में से किसी के भी साथ विलय कर सकती हैं.

यह भी पढ़ें:-
India-Maldives: चीन के गुलाम मालदीव की नहीं जा रही हेकड़ी, अब तिरंगे का किया अपमान

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Afghanistan-Pakistan Relations: भारत से हमारी दोस्ती तुम्हारे पेट में दर्द क्यों? तालिबान की पाकिस्तान को चेतावनी, जानें क्या-क्या कहा
भारत से हमारी दोस्ती तुम्हारे पेट में दर्द क्यों? तालिबान की पाकिस्तान को चेतावनी, जानें क्या-क्या कहा
Rajasthan: इन मामलों में अब नहीं होगी जेल, CM भजनलाल शर्मा ने कैबिनेट बैठक में लिए कई बड़े फैसले
राजस्थान: इन मामलों में अब नहीं होगी जेल, CM भजनलाल शर्मा ने कैबिनेट बैठक में लिए कई बड़े फैसले
Putin India Visit Live: आज भारत आएंगे पुतिन, PM मोदी संग पर्सनल डिनर, जानें कब दिल्ली में उतरेगा विमान
Putin India Visit Live: आज भारत आएंगे पुतिन, PM मोदी संग पर्सनल डिनर, जानें कब दिल्ली में उतरेगा विमान
IND vs SA 3rd ODI: अब आखिरी मैच में होगी भारत-साउथ अफ्रीका की टक्कर, जानिए कब, कहां और कितने बजे खेला जाएगा निर्णायक मुकाबला
अब आखिरी मैच में होगी भारत-साउथ अफ्रीका की टक्कर, जानिए कब, कहां और कितने बजे खेला जाएगा निर्णायक मुकाबला
Advertisement

वीडियोज

कुंवारे देवर पर बेवफा भाभी की नजर । सनसनी । Sansani
पुतिन का तिलिस्मी संसार पहली बार देखेगा भारत । Putin India Visit
UP में घुसपैठियों की अब खैर नहीं, Yogi की पुलिस के निशाने पर घुसपैठी । News@10
मोदी और पुतिन ने ठाना, ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे ! । Putin India Visit । PM Modi ।  Chitra Tripathi
2026 का रण क्या बुलडोजर vs बंगाली अस्मिता के मुद्दे पर होगा? | CM Yogi | Mamata Banerjee
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Afghanistan-Pakistan Relations: भारत से हमारी दोस्ती तुम्हारे पेट में दर्द क्यों? तालिबान की पाकिस्तान को चेतावनी, जानें क्या-क्या कहा
भारत से हमारी दोस्ती तुम्हारे पेट में दर्द क्यों? तालिबान की पाकिस्तान को चेतावनी, जानें क्या-क्या कहा
Rajasthan: इन मामलों में अब नहीं होगी जेल, CM भजनलाल शर्मा ने कैबिनेट बैठक में लिए कई बड़े फैसले
राजस्थान: इन मामलों में अब नहीं होगी जेल, CM भजनलाल शर्मा ने कैबिनेट बैठक में लिए कई बड़े फैसले
Putin India Visit Live: आज भारत आएंगे पुतिन, PM मोदी संग पर्सनल डिनर, जानें कब दिल्ली में उतरेगा विमान
Putin India Visit Live: आज भारत आएंगे पुतिन, PM मोदी संग पर्सनल डिनर, जानें कब दिल्ली में उतरेगा विमान
IND vs SA 3rd ODI: अब आखिरी मैच में होगी भारत-साउथ अफ्रीका की टक्कर, जानिए कब, कहां और कितने बजे खेला जाएगा निर्णायक मुकाबला
अब आखिरी मैच में होगी भारत-साउथ अफ्रीका की टक्कर, जानिए कब, कहां और कितने बजे खेला जाएगा निर्णायक मुकाबला
शाहिद कपूर की पत्नी मीरा चलाती हैं वेलनेस सेंटर, 15 मिनट की थेरेपी के लेती हैं 10 हजार, 7 दिन के पैकेज की कीमत जान उड़ेंगे होश
शाहिद कपूर की पत्नी मीरा चलाती हैं वेलनेस सेंटर, 15 मिनट की थेरेपी के लेती हैं 10 हजार
Delhi AQI: दिल्ली में प्रदूषण और ठंड का दोहरा हमला, हवा भी जहरीली, रातें भी जमा देने वालीं
दिल्ली में प्रदूषण और ठंड का दोहरा हमला, हवा भी जहरीली, रातें भी जमा देने वालीं
घर की इस एक चीज से पाएं पार्लर-जैसी चमक, सिर्फ कुछ ही दिनों में दिखेगा फर्क
घर की इस एक चीज से पाएं पार्लर-जैसी चमक, सिर्फ कुछ ही दिनों में दिखेगा फर्क
KL राहुल का फिटनेस फंडा, जानें किसी भी देश में लंच के दौरान क्याें नहीं छोड़ते इंडियन खाना?
KL राहुल का फिटनेस फंडा, जानें किसी भी देश में लंच के दौरान क्याें नहीं छोड़ते इंडियन खाना?
Embed widget