प्रवासियों के लिए ऑस्ट्रेलिया बना रहा नए नियम, जानें भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल पर पड़ेगा क्या असर
Australia: ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोमवार को माइग्रेशन स्ट्रेटेजी जारी की. इसके जरिए मौजूदा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए जाएंगे हालांकि, इससे भारतीय छात्रों को कोई नुकसान नहीं होगा.

Australia New Migration Rules: ऑस्ट्रेलिया माइग्रेशन के लिए नए नियम बनाएगा. इसके तहत ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की अंग्रेजी भाषा में प्रोफाइंसी (Proficiency) की जांच को शामिल किया जाएगा. मामले से परिचित लोगों ने सोमवार (11 दिसंबर) को कहा कि इससे भारतीय छात्रों या प्रोफेशनल्स पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है.
नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने कहा कि सुधारों से भारतीय छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अस्थायी रूप से ऑस्ट्रेलिया में रहने, अध्ययन करने और काम करने के अवसरों में कोई बदलाव नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि सुधारों से सेमी स्किल वर्कर्स के लिए एक नया रास्ता खुलने की भी उम्मीद है. इससे भारतीय नागरिकों को लाभ होगा.
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने जारी की माइग्रेशन स्ट्रेटेजी
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोमवार को माइग्रेशन स्ट्रेटेजी जारी की. इसके जरिए मौजूदा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, ताकि देश की भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके. सुधारों का उद्देश्य स्किल माइग्रेशन और प्रतिभाशाली लोगों को मैनेज करना है.
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा कि नई माइग्रेशन पॉलिसी में प्रवासन को महामारी से पहले के स्तर पर वापस लाने और सही जगह पर सही कौशल को इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी. मामले से परिचित लोगों ने कहा कि सुधारों का उद्देश्य प्रवासियों की संख्या को कंट्रोल करना है और इसके तहत आवेदनों की जांच ज्यादा सख्ती से की जाएगी.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या तय नहीं
उन्होंने कहा कि इसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या के लिए कोई सीमा नहीं होगी. इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र ऐसे कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करके लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया में रहने का प्रयास न करें जो उनके किसी काम के नही हैं. लोगों ने बताया कि इन सुधारों से प्रवासियों के पति-पत्नी या आश्रितों के ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा, हालांकि उन्हें कुछ आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन का बयान
इस संबंध में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा कि ECTA के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की प्रतिबद्धताओं को नई माइग्रेशन स्ट्रेटेजी के तहत बरकरार रखा जाएगा. इसका मतलब यह है कि भारतीय छात्र ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए दो साल, मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए तीन साल और पीएचडी पूरी करने के लिए चार साल के लिए अस्थायी स्नातक वीजा पर रहने के पात्र बने रहेंगे.
बता दें कि अगस्त 2023 तक 1 लाख 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे थे. यह ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है.
यह भी पढ़ें- SC ने कहा- कश्मीर भारत के संविधान से चलेगा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची, बोला- ये मजाक है, भारत को अधिकार नहीं...
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























