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Explained: बदलेगा ट्रैफिक का पैटर्न! अब लेफ्ट नहीं राइट साइड चलेंगे लोग? SC ने केंद्र से मांगा जवाब, जानें क्या है LHT-RHT

ABP Explainer: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में सिर्फ 30% फुटपाथ हैं और करीब 95% लोग लेफ्ट साइड पर चलते हैं. इसे बदलने में समय और शिक्षा चाहिए.

भारत में सड़क पर गलत दिशा में पैदल चलने पर 2022 में 18 हजार मौतें हुईं. अगर आप ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए चलते हैं, तो भी वो गलत हो सकता है. क्योंकि हमें बचपन से बाएं ओर चलना सिखाया गया है. लेकिन अब यह नियम बदल सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा कि भारत में दाएं ओर की जगह बाएं ओर चला जा सकता है या नहीं.

तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में दाएं-बाएं चलने का मामला क्या है, क्या भारत में नियम बदलने वाले हैं और दुनियाभर के देशों में लोग किस दिशा में चलते हैं...

सवाल 1- सुप्रीम कोर्ट में लेफ्ट या राइट हैंड चलने का मामला क्या है?
जवाब- 2019 में जबलपुर के सोशल एक्टिविस्ट ज्ञान प्रकाश ने एक याचिका दायर की थी. इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा और पैद यात्रियों की सुरक्षा के बारे में थी. याचिका में सड़क पर लेफ्ट साइड चलने की प्रथा को गलत बताते हुए इसे बदलने और विदेशों की तरह राइट साइड चलने का नियम लागू करने की मांग की गई. याचिका में कहा गया...

  • भारत में पैदल यात्री परंपरागत रूप से लेफ्ट साइड पर चलते हैं, जो लेफ्ट हैंड ट्रैफिक यानी LHT सिस्टम में असुरक्षित है. इससे पीछे से आने वाले वाहनों से टक्कर का खतरा बढ़ता है.
  • ज्ञान प्रकाश ने अपनी किताब 'यातायात शिक्षा' का हवाला देते हुए कहा कि पैदल यात्रियों को राइट साइड चलना चाहिए, जैसा कि विदेशों में होता है.
    2022 में 50 हजार सड़क हादसों में से 18 हजार यानी 36% मौतें पैदल चलने वालों की हुईं.
  • 2017 की रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया रिपोर्ट के आधार पर लेफ्ट साइड पर चलने से पैदल यात्री को पीछे से आने वाले वाहन नहीं दिखते, जिससे 30% से ज्यादा पैदल हादसे होते हैं. राइट साइड पर चलने से यात्री ट्रैफिक देख सकता है और खतरे से बच सकता है.
  • याचिका में मांग की गई कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में संशोधन कर पैदल यात्रियों के लिए राइट साइ़ड चलना अनिवार्य करें. साथ ही स्कूलों और सार्वजनिक जगहों पर जागरूकता कैंपेन चलाएं.

सवाल 2- सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए क्या कहा?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस. ओका की बेंच ने केंद्र सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI से पूछा कि क्या भारत में भी विदेशों की तरह पैदल यात्रियों को सड़क की दाईं ओर चलने का नियम बनाया जा सकता है. अदालत ने दोनों पक्षों को 10 नवंबर तक सभी तथ्यों और आंकड़ों के साथ डिटेल्ड जवाब देने के निर्देश दिए.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि उसने 21 मई 2025 को ट्रैफिक कंट्रोल और सड़क अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन उस पर काम नहीं हुआ. कोर्ट ने पूछा है कि क्या भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में 'राइड वॉकिंग सिस्टम' लागू किया जा सकता है.

सवाल 3- तो क्या राइट साइड चलना ज्यादा बेहतर और सुरक्षित है?
जवाब- हां. पैदल यात्रियों के लिए सड़क की राइट साइड यानी ट्रैफिक का सामना करते हुए चलना ज्यादा भारत के लेफ्ट हैंड ट्रैफिक में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है...

  • भारत में गाड़ियां लेफ्ट साइड चलती हैं, यानी सड़क के बाएं हिस्से पर. राइट साइड पर चलने से पैदल यात्री आने वाली गाड़ियों को देख सकता है. इससे खतरे का अंदाजा और बचाव आसान होता है. लेफ्ट साइड पर चलने से पीछे से आने वाली गाड़ियां नहीं दिखतीं, जिससे टक्कर का खतरा बढ़ता है.
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा गाइडलाइंस कहती हैं कि पैदल यात्री को हमेशा ट्रैफिक का सामना करना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया में तो साइनबोर्ड्स पर लिखा है, 'Walk Facing Traffic यानी ट्रैफिक का सामना करें.'
  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में सिर्फ 30% फुटपाथ हैं और करीब 95% लोग लेफ्ट साइड पर चलते हैं. इसे बदलने में समय और शिक्षा चाहिए. इसके लिए यातायात कानून में राइट साइड को सुझाव की जगह अनिवार्य करना होगा. राइट साइड चलना कहीं ज्यादा बेहतर है, लेकिन सिर्फ तब जब फुटपाथ, जागरूकता और कानूनी सख्ती हो. बिना इंफ्रास्ट्रक्चर के यह अधूरा रहेगा.

सवाल 4- दुनियाभर के कौन से देश राइट साइड और लेफ्ट साइड का पालन करते हैं?
जवाब- दुनियाभर के देशों में दो तरह के ट्रैफिक सिस्टम हैं. एक लेफ्ट हैंड ट्रैफिक यानी LHT और राइट हैंड ट्रैफिक यानी RHT.

1. लेफ्ट हैंड ट्रैफिक

इसमें गाड़ियां सड़क के बाएं तरफ चलते हैं. ड्राइवर की सीट ज्यादातर राइट साइड पर होती है. दुनिया के कई देशों में यह नियम लागू होता है.

  • एशिया: भारत, जापान, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ.
  • अफ्रीका: साउथ अफ्रीका, केन्या, युगांडा, तंजानिया, जाम्बिया, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, नामिबिया, बोत्सवाना और स्वाजीलैंड.
  • ओशिनिया: ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन आइलैंड्स.
  • यूरोप: यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, माल्टा, साइप्रस, ग्वेर्नसे, जर्सी, आइल ऑफ मैन.
  • कैरिबियन: जमैका, बहामास, बारबाडोस, एंटीगुआ और बाबुडा, डोमिनिका, ग्रेनेडा, सेंट लूसिया और सेंट विंसेंट.
  • अन्य: मॉरीशर, सेशेल्स, ब्रुनेई और तिमोत-लेस्ते.

2. राइट हैंड ट्रैफिक
इसमें गाड़ियां सड़क की दांए तरफ चलती हैं और ड्राइवर की सीट लेफ्ट साइड पर होती है. दुनिया के कई देशों में यह नियम लागू है...

  • उत्तर अमेरिका: यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको.
  • यूरोप: फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, स्वीडन, नॉर्वे, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, रूस, पोलैंड और पुर्तगाल.
  • एशिया: चीन, साउथ कोरिया, सऊदी अरब, यूएई, तुर्किये, वियतनाम, फिलीपींस, म्यांमार, लाओस और कंबोडिया.
  • साउथ अमेरिका: ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, पेरू, कोलंबिया और वेनेजुएला.
  • अफ्रीका: नाइजीरिया, अल्जीरिया, मोरक्को, इथियोपिया, घाना और मिस्र.
  • अन्य: मिडिल ईस्ट के जॉर्डन और इराक, मंगोलिया और ताइवान जैसे देश.

ज़ाहिद अहमद इस वक्त ABP न्यूज में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर (एबीपी लाइव- हिंदी) अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इससे पहले दो अलग-अलग संस्थानों में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी. जहां वे 5 साल से ज्यादा वक्त तक एजुकेशन डेस्क और ओरिजिनल सेक्शन की एक्सप्लेनर टीम में बतौर सीनियर सब एडिटर काम किया. वे बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर आउटपुट डेस्क, बुलेटिन प्रोड्यूसिंग और बॉलीवुड सेक्शन को भी लीड कर चुके हैं. ज़ाहिद देश-विदेश, राजनीति, भेदभाव, एंटरटेनमेंट, बिजनेस, एजुकेशन और चुनाव जैसे सभी मुद्दों को हल करने में रूचि रखते हैं.

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