यूपी चुनाव: वाराणसी में BJP कैंडिडेट के विरोध में लगे बैनर, 7 बार के MLA को टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ता नाराज

वाराणसी: देश के सबसे बड़े सियासी राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीति गर्म है. विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट पाने की होड़ में राजनेताओं पारा चढ़ता जा रहा है. इस सियासी गर्मी में जहां एक तरफ यूपी में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ 14 साल बाद प्रदेश में सत्ता वापसी को कोशिशों में लगी बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है.

टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों में नाराजगी
यूपी चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों में नाराजगी साफतौर पर दिख रही है. इसे लेकर बीजेपी की सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है.
उधर समाजवादी पार्टी में विलय करने वाले कौमी एकता दल के नेता मुख़्तार अंसारी और अफ़ज़ाल अंसारी ने भी टिकट ना मिलने से परेशान होकर बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है.
टिकट को लेकर बीजेपी में मचे घमासान का फायदा विरोधी दलों को
गाजीपुर से राजनीति करने वाले मुख़्तार अंसारी और उनके भाई अफ़ज़ाल अंसारी को मुस्लिमों का नेता माना जाता है.
कौमी एकता दल से साईकिल की सवारी का शौक रखकर समाजवादी पार्टी में जाना और अब टिकट ना मिलने पर बीएसपी के नीले झंडे को हाथ में लेकर हाथी की सवारी करने वाले अंसारी बंधुओ का मुस्लिम मतदाताओं पर कितना असर होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन चुनाव से ठीक पहले टिकट को लेकर बीजेपी में मचे घमासान का फायदा विरोधी दलों को जरुर हो सकता है.
BJP कैंडिडेट के विरोध में लगे बैनर
खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी के घोषित प्रत्याशियों का जमकर विरोध हो रहा है. कभी वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है तो कभी पोस्टरवार किया जा रहा है. आपको बता दें कि वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र से घोषित प्रत्याशी सौरभ श्रीवास्तव के विरोध में शहर में कई जगह बैनर लगवाए गए हैं.
वाराणसी की जनता और कार्यकर्ताओं के मन की बात
भारतीय जनता पार्टी के गुलाबबाग में स्थित कार्यालय से लेकर कचहरी, सर्किट हॉउस, लंका, बाबतपुर समेत कई जगहों पर यह बैनर लगाए गए है. इस बैनर में पीएम नरेन्द्र मोदी को एक मतदाता की ओर से संबोधित किया गया है. इस बैनर में एक ओर कमल का फूल, बीच में पीएम नरेन्द्र मोदी की फोटो और दूसरे किनारे पर निराश बैठे एक इन्सान की फोटो है. इस बैनर पर लिखा है, ''माननीय नरेन्द्र मोदी जी के लिए...वाराणसी की जनता और कार्यकर्ताओं के मन की बात''

- मैं कैंट विधानसभा का मतदाता हूं. मै निरीह लाचार एवं बेबस हूं.
- 27 सालों से माननीया ज्योत्सना श्रीवास्तव एवं स्वर्गीय हरिश्चंद्र श्रीवास्तव को झेल रहा हूं.
- आगे इनके पुत्र सौरभ श्रीवास्तव को झेलना है. जब तक की यह अपनी माता जी की तरह वृद्ध ना हो जाएं.
- क्या फिर सौरभ श्रीवास्तव जी के पुत्र को भी झेलना पड़ेगा
- क्या एक भू माफ़िया, व्यभिचारी, अहंकारी, विभिन्न मुकदमों को झेल रहे व्यक्ति को झेलना हमारी नियति बन गयी है.
- जो व्यक्ति कार्यकर्ताओं से अशिष्ट भाषा में बात करता हो, उसको झेलना हमारी मज़बूरी बन गयी है.
- 27 सालों से शासन कर रहा यह परिवार कैन्ट विधानसभा में अपनी एक भी उपलब्धि बता सकता है क्या ?
- क्या सचमुच इस परिवार को झेलना बीजेपी के मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं की बेबसी है ? भारत माता की जय

इतना ही नहीं वाराणसी दक्षिणी विधानसभा सीट पर भी बीजेपी के घोषित प्रत्याशी नीलकंठ तिवारी का विरोध करने वाले सोशल मीडिया पर जनकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं. अनुशासन, संगठन, संयम और शिष्टाचार का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए इस तरह के विरोध यूपी चुनाव के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है.
सात बार के विधायक को टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट से सात बार विधायक रहे एक नेता को टिकट देने से इनकार करने पर बीजेपी के कई असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने यहां पार्टी विरोधी नारेबाजी की और अपना विरोध दर्ज कराया.
उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रमुख केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर का घेराव भी किया. उस वक्त वे यहां एक बैठक कर रहे थे.
दोनों वरिष्ठ नेता काशी क्षेत्र के पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. काशी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के 14 जिले आते हैं. वाराणसी दक्षिण सीट से मौजूदा विधायक श्याम देव राय चौधरी को टिकट देने से इनकार किए जाने पर प्रदर्शनकारी नाराज थे. इससे पहले दिन में कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रवींद्रपुरी स्थित स्थानीय संसदीय कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया.
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Source: IOCL























