मेरठ: नगर निगम की बैठक में वंदे मातरम को लेकर हंगामा, पार्षदों ने मेज पर चढ़कर की नारेबाजी
उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में वंदे मातरम को लेकर जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के दौरान पार्षदों ने मेज पर चढ़कर नारेबाजी की. इस दौरान कई बाहरी लोग भी सदन के अंदर पहुंच गए
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में वंदे मातरम को लेकर जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के दौरान पार्षदों ने मेज पर चढ़कर नारेबाजी की. इस दौरान कई बाहरी लोग भी सदन के अंदर पहुंच गए. हालांकि पुलिस ने सदन में पहुंचकर बाहरी लोगों को बाहर निकाला.
हंगामे के कारण मात्र एक घंटे में पार्षदों से परिचय लेने के बाद महापौर ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी.
इससे पहले नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने बैठक की शुरुआत की. शुरुआत वंदे मातरम के गायन से हुई. पहली बार सदन में साउंड सिस्टम से वंदे मातरम बजाया गया. चुनाव के बाद शपथ ग्रहण समारोह में वंदे मातरम पर खड़ी नहीं होने वाली महापौर सुनीता वर्मा ने भी इस बार खड़े होकर वंदे मातरम गाया.
इस दौरान साउंड सिस्टम में खराबी आने के कारण फिर से हंगामा हो गया. स्थिति कुछ सामान्य होने पर फिर से वंदे मातरम हुआ. बोर्ड बैठक में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और मेरठ(दक्षिण) विधायक सोमेंद्र तोमर भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान बैठक स्थल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात थी.
महापौर सुनीता वर्मा ने बताया कि आज बोर्ड की परिचय बैठक थी. बैठक में भाजपाइयों ने एक बार फिर हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बोर्ड बैठकों में विकास के मुद्दों की बजाय इधर-उधर के बेकार के मुद्दों को लेकर हंगामा करने की नीयत से ही आती है. महापौर सुनीता वर्मा ने कहा कि भाजपा महापौर चुनाव में अपनी हार अभी तक पचा नहीं पा रही है.
बीजेपी पार्षदों का आरोप है कि सदन में फिल्मी धुन में वंदे मातरम बजाया गया और जब बीजेपी पार्षदों ने वंदे मातरम गाया तब बीएसपी और एसपी पार्षद बाहर जाने लगे, इसी को लेकर हंगामा हो गया. वहीं बसपा का कहना है कि बैठक में विकास की बात होनी चाहिए ना कि वंदे मातरम की.