मोहन भागवत के यूपी प्रवास की खबर से राजनीतिक गलियारों की हलचल तेज, तैयारियां जोरों पर
संघ प्रमुख मोहन भागवत को कानपुर की सरजमी से बेहद प्रेम है. कानपुर में प्रवास कर वो कई बार जीत की इबारत लिख चुके है. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी संघ प्रमुख ने प्रवास कर ऐसा चुनावी खांका तैयार किया था कि सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों का सूपड़ा साफ़ हो गया था.

कानपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 7 दिन के प्रवास पर कानपुर आ रहे हैं. उनके प्रवास की खबरों से उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों की हलचल तेज हो गयी है. लोकसभा चुनाव से पहले अपने प्रवास के दौरान वो प्रदेश की नब्ज टटोलने का काम करेंगे. बीजेपी और आरएसएस प्रमुख इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि 2019 में दोबारा सत्ता हासिल करनी है यूपी पर फ़तेह करना जरूरी है. मौजूद राजनैतिक बदलाव और जनता के बीच देखी जा रही नाराजगी से संघ प्रमुख भी हैरान हैं. राम मंदिर से लेकर जनहित के मुद्दों पर प्रदेश की जनता का क्या मूड है ये जानने की कोशिश करेंगे.
संघ प्रमुख मोहन भागवत को कानपुर की सरजमी से बेहद प्रेम है. कानपुर में प्रवास कर वो कई बार जीत की इबारत लिख चुके है. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी संघ प्रमुख ने प्रवास कर ऐसा चुनावी खांका तैयार किया था कि सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों का सूपड़ा साफ़ हो गया था. इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख ने प्रवास किया और जीत का नक्शा तैयार कर सपा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. फिर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले संघ प्रमुख 23 जनवरी से 01 फरवरी तक कानपुर में प्रवास करेंगे. बीजेपी और आरएसएस के पदाधिकारियों में उनके प्रवास की तैयारियां शुरू हो गयी है. कार्यसमिति ने उत्तर प्रदेश चार प्रान्तों में बांटा है. कानपुर, अवध, काशी और गोरखपुर के प्रचारक और वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी रहेगी. चारो प्रान्तों के प्रचारकों से उनके क्षेत्र की वर्तमान स्थिति का जायजा संघ प्रमुख लेंगे. बीते मई 2018 में संघ प्रमुख ने जालौन में तीन दिन का प्रवास किया था. तब उन्होंने कहा था कि कानपुर बुंदेलखंड के किले को किसी भी हाल भेदने से बचाना है. दरअसल कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में 09 सीटे बीजेपी के पास हैं. वहीं 52 विधानसभा सीटों में 47 सीटें बीजेपी के पास हैं. उन्होंने कानपुर बुंदेलखंड को सबसे मजबूत किला बताया था.
कानपुर में जल्द ही प्रान्त कार्यकरणी की बैठक होने वाली है, इस बैठक में यह तय किया जायेगा कि मोहन भागवत किस स्थान पर प्रवास के दौरान रुकेंगे. प्रदेश भर के पदाधिकारी अपने-अपने होमवर्क में जुट गए है ताकि वो संघ प्रमुख के सामने अपने कार्यो को रख सकें.
दीन दयाल शोध संस्थान कानपुर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ श्याम बाबु गुप्ता के मुताबिक संघ प्रमुख मोहन भगवत का 23 जनवरी से 01 फरवरी तक प्रवास का कार्यक्रम प्रस्तावित हुआ है. इस दौरान संघ की कई बैठके आयोजित की जाएंगी. इन बैठकों में बहुत ही अहम और सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
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