अपने सीनियर साथी पर सीबीआई के मुकदमे से हैरान हैं यूपी के आईएएस अफसर
यूपी के आईएएस अफ़सरों का एक व्हाटसएप ग्रूप है. जिसमें वे अपने मन की बातें करते हैं. सुख दुख बाँटते हैं. इस ग्रूप में इन दिनों सिर्फ़ जीवेश नंदन की ही चर्चा हो रही है.

लखनऊ: यूपी के आईएएस अफ़सर जीवेश नंदन पर हुए मुक़दमे को लेकर बड़े नाराज़ हैं. नंदन इस समय रक्षा विभाग में एडिशनल सेक्रेटरी हैं. यूपी के खनन घोटाले में सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आइआर हुई है. उन पर ग़लत तरीक़े से माइनिंग के पट्टे देने के आरोप हैं. इसी मामले में दो और आईएएस अधिकारियों अभय और विवेक पर भी मुक़दमा हो गया है. जीवेश नंदन उन दिनों यूपी में खनन विभाग के प्रमुख सचिव हुआ करते थे. मामला 2016 का है और अखिलेश यादव तब राज्य के मुख्यमंत्री थे.
जीवेश नंदन 1987 बैच के यूपी कैडर के आईएस अधिकारी है. वे बिहार के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी लीना नंदन भी आईएएस अफ़सर हैं. इन दिनों केंद्र सरकार में तैनात हैं. जीवेश नंदन की छवि एक ईमानदार और क़ाबिल अधिकारी की रही है. वे कभी विवादों में नहीं रहे. इसीलिए जब सीबीआई ने उन पर केस किया तो सब हैरान रह गए. यूपी के आईएएस अफ़सरों का एक व्हाटसएप ग्रूप है. जिसमें वे अपने मन की बातें करते हैं. सुख दुख बाँटते हैं. इस ग्रूप में इन दिनों सिर्फ़ जीवेश नंदन की ही चर्चा हो रही है. नंदन ख़ुद भी इस ग्रूप में जुड़े हुए हैं.
ग्रूप में बहस की शुरूआत केंद्र में ही तैनात एक सीनियर आईएएस अधिकारी ने की. उन्होंने लिखा कि क्या हम सब ऐसे ही हाथ पर हाथ घरे बैठे रहेंगे? एक अच्छे अधिकारी के सीबीआई ने बदनाम कर दिया है. फिर तो एक एक कर कई अधिकारियों ने कमेंट किया. कुछ तो काफ़ी सीनियर है तो कुछ जूनियर भी. सबकी एक ही राय है कि जीवेश नंदन को बेवजह फँसाया जा रहा है. यूपी में तैनात एक चर्चित महिला आईएएस अधिकारी ने लिखा कि फ़ैसला तो अखिलेश यादव की सरकार का था. तो फिर कार्रवाई अधिकारियों पर क्यों?
एक दूसरे अफ़सर ने इस पर कमेंट किया कि 23 जिलों में खनन के पट्टे दिए गए. लेकिन सिर्फ़ दो चार के पीछे सीबीआई पड़ी हुई है. कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके एक सीनियर अधिकारी ने लिखा कि हमारा मनोबल तोड़ा जा रहा है, हमें बिना बात के प्रताड़ित किया जा रहा है. खबर लिखे जाने तक जीवेश नंदन के समर्थन में क़रीब डेढ़ सौ आईएएस अधिकारी अपने कमेंट पोस्ट कर चुके हैं.
केंद्र में रक्षा उत्पादन विभाग में तैनाती से पहले जीवेश नंदन यूपी में खनन विभाग के प्रमुख सचिव थे. उनके पास आईटी - इलेक्ट्रॉनिक और वैकल्पिक ऊर्जा विभाग की ज़िम्मेदारी भी थी. इससे पहले मनमोहन सरकार में वे बिजली मंत्रालय में काम कर रहे थे. जब राजनाथ सिंह यूपी के सीएम थे तो वे लखनऊ के डीएम थे. प्रयाग राज में कुंभ के दौरान मेला अधिकारी रहते हुए उनके काम की बड़ी तारीफ़ हुई थी. लेकिन अब सीबीआई की फ़ाइलों में वे खनन घोटाले के आरोपी हैं. यूपी के आईएएस अफ़सरों के एसोसिएशन ने अब तक इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है.
Source: IOCL























